मरते दम तक जेल में रहेगा रामपाल, अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा(video)

Edited By Shivam, Updated: 16 Oct, 2018 08:56 PM

सतलोक अाश्रम के प्रमुख रामपाल पर आरोप तय हो चुके हैं। अाज कोर्ट द्वारा रामपाल और उसके समर्थकों को दो मामलों में सजा सुनाई जानी है। हिसार कोर्ट की तरफ से 429 व 430 के मामले में धारा 302 के आरोप लगाए गए थे। धारा के मुताबिक, रामपाल को उम्रकैद या फांसी...

हिसार (विनोद सैनी): सतलोक अाश्रम के प्रमुख रामपाल को हिसार कोर्ट ने केस नंबर 429 के तहत उम्रकैद की सुनाई है और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ रामपाल के 15 समर्थकों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बता दें चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या मामले में रामपाल समेत 15 लोगों को 11 अक्टूबर को अतिरिक्त जिला एवं सत्र कोर्ट ने दोषी करार दिया था। हालाकि रामपाल के वकील एपी सिंह का कहना है कि अदालत के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती देंगे। 

बता दें कि नवंबर 2014 में सतलोक आश्रम में पुलिस और रामपाल समर्थकों के बीच टकराव हुआ था. इस दौरान 5 महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद आश्रम संचालक रामपाल पर हत्या के दो मामले दर्ज किए गए थे। केस नंबर-429 (4 महिलाओं व एक बच्चे की मौत) में रामपाल सहित कुल 15 आरोपी थे।

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कोर्ट के फैसले पर वकील एपी ने जताई नाराजगी 
कोर्ट के इस फैसले को लेकर रामपाल के वकील ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि वे इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट जाएंगे। वकील एपी सिंह ने कहा कि रामपाल ने समाज की भलाई के लिए अनेक कार्य किए हैं। उन्होंने कन्या भूर्ण हत्या को रोकने के लिए कई कदम उठाए। इसके अलावा उन्होंने जाति रहित समाज का भी निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि वे कोर्ट के इस फैसले से नाखुश है और वे मामले को लेकर अब हाइकोर्ट जाएंगे।  


हत्या के दो मामलों में रामपाल दोषी करार, हिसार में सुरक्षा कड़ी
हत्या के दूसरे मामले यानी केस नंबर-430 (एक महिला की मौत) में रामपाल भी रामपाल को दोषी पाया गया है. इस मामले में रामपाल समेत 13 आरोपी थे. इस मामले में सजा का ऐलान बुधवार को होगा।


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2014 में रामपाल पर हुए थे 7 केस दर्ज
रामपाल पर पुलिस ने नवंबर 2014 में सात केस दर्ज किए थे। इसमें देशद्रोह, हत्या, अवैध रूप से सिलेंडर रखने आदि काफी मामले हैं। रामपाल इनमें से दो केसों में बरी हो चुका है। इन दोनों केसों में पुलिस कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी थी, जिस पर कोर्ट ने भी टिप्पणी की थी। एक मुकदमे से अदालत ने रामपाल का नाम हटा दिया था, वहीं अब रामपाल दो हत्याओं के मामले में दोषी करार दिया गया है। इसके बाद भी रामपाल के खिलाफ चल रहे तीन केस लंबित पड़े हैं। 

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साल 1999 में हुई सतलोक अाश्रम की स्थापना
रोहतक के करौंथा गांव में बने सतलोक आश्रम की साल 1999 में हुई थी। संत रामपाल खुद को कबीर पंथ का अनुयायी कहता था। उसके भक्तों के अनुसार वह कबीर का ही अवतार है। रामपाल और कबीर पंथ के लोग मंदिर, मूर्ति पूजा, छुआछूत, व्यभिचार और अभद्र गीत व डांस को भी बुरा मानते हैं। 

जानिए अाखिर कौन है रामपाल
रामपाल का असली नाम रामपाल सिंह जाटिन है। उसका जन्म सोनीपत जिले में गोहना तहसील के धनाना गांव में हुआ था। उसके पिता नंद लाल एक किसान थे और मां इंदिरा देवी एक गृहिणी थीं। रामपाल ने खुद निलोखेड़ी आईटीआई से डिप्लोमा किया और सालों तक हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के तौर पर काम भी किया। साल 1996 में उसने नौकरी छोड़ दी और 1999 में सतलोक आश्रम की स्थापना की। रामपाल के दो लड़के और दो लड़कियां हैं। 

 

 

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