Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Jul, 2017 03:10 PM
हरियाणा में MBBS कर रहे छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश में MBBS कोर्स से जुड़ा एक नियम सरकार ने बदल दिया है। अब जो स्टूडेंटस MBBS की पढ़ाई
चंडीगढ़:हरियाणा में MBBS कर रहे छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश में MBBS कोर्स से जुड़ा एक नियम सरकार ने बदल दिया है। अब जो स्टूडेंटस MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें कोर्स पूरा करने के बाद सरकार की एक शर्त पूरी करनी होगी। सरकारी फरमान के अनुसार हरियाणा के सरकारी मेडिकल कालेज से MBBS करने वाले डाक्टरों को हरियाणा में कम से कम दो वर्ष की सेवाएं देनी होंगी। स्वास्थ्य विभाग ने विभागीय स्तर पर यह निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि इन डाक्टरों पर पैसा सरकार खर्च करती है और सेवाएं बाहर देते हैं। इसके लिए विवरणिका में भी अनुच्छेद डाला जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में चिकित्सकों की कमी दूर होगी। प्रदेश के चार सरकारी अस्पतालों से 2 वर्ष के दौरान करीब 800 डॉक्टर मिलेंगे, जिससे हरियाणा के लोगों को डॉक्टर्स की कमी नहीं अनुभव होगी। इसके अलावा पी.जी.आई.एम.एस. रोहतक के डेंटल कॉलेज की सीटों को बढ़ाकर 60 से 100 किया गया है।
मंत्री विज के मुताबिक, इससे दंत चिकित्सकों की उपलब्धता भी बढ़ेगी। विज ने बताया कि राज्य के 6 सरकारी अस्पतालों में डीएनबी के कोर्स शुरू किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर निकल सकें। भिवानी के सरकारी मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास 29 जुलाई को किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा मुख्य अतिथि होंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि फरीदाबाद के गोल्ड फील्ड मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारियों ने कालेज को सरकार की ओर से अधिगृहीत करने की अपील की गई है, जिसको मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा। मुख्यमंत्री इस संदर्भ में जो निर्णय करेंगे, वही मान्य होगा। वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भविष्य का ध्यान रखना भी आवश्यक है।