जांच के एक अौर मामले में घिरे हुड्डा, CBI ने तैयार की दूसरी चार्जशीट

Edited By Punjab Kesari, Updated: 04 Feb, 2018 11:38 AM

another chargesheet against hooda

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर शिकंजा कसने के लिए अब सी.बी.आई. ने जांचों का जाल बिछा दिया है। मानसेर जमीन प्रकरण की चार्जशीट दाखिल करने के बाद अब सी.बी.आई. टीम जल्द ही पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आबंटन मामले की चार्जशीट भी दाखिल...

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर शिकंजा कसने के लिए अब सी.बी.आई. ने जांचों का जाल बिछा दिया है। मानेसर जमीन प्रकरण की चार्जशीट दाखिल करने के बाद अब सी.बी.आई. टीम जल्द ही पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आबंटन मामले की चार्जशीट भी दाखिल कर सकती है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अगले कुछ दिनों में इस प्रकरण की चार्जशीट भी पंचकूला की सी.बी.आई. कोर्ट में दायर की जाएगी। माना जा रहा है कि अगला एक माह हुड्डा के लिए बेहद कठिन दौर होगा। वैसे तो हुड्डा सरकार में हुई अनियमितताओं के करीब 100 मामलों की जांच विजीलैंस ब्यूरो द्वारा की जा रही है लेकिन 3 केस ऐसे हैं जिनमें हुड्डा अपने नाम या पद के अनुसार कथित आरोपी के रूप में लिप्त हैं। इससे अलग ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी सार्वजनिक होने के बाद हुड्डा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। 

पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आबंटन मामले में सी.बी.आई. ने 21 मई 2016 को मुकद्दमा दर्ज करने के बाद देशभर में 16 स्थानों पर छापामारी की थी। इस दौरान सी.बी.आई. ने कई अहम दस्तावेज बरामद किए थे। खास बात यह थी इस मामले में सी.बी.आई. ने प्लाट लाभार्थियों के घरों पर भी छापामारी की थी और कई बार उन्हें पूछताछ के लिए भी मुख्यालय बुलाया था। सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण की जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है जहां अब सी.बी.आई. टीम की ओर से जल्द चार्जशीट दायर करने की तैयारी है।

यह है पूरा मामला
हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2011 में पंचकूला में औद्योगिक प्लाट आबंटित करने के लिए आवेदन मांगे थे। यह प्लाट 496 स्केयर मीटर से लेकर 1280 स्केयर मीटर तक के थे जिसकी एवज में हुडा के पास 582 आवेदन आए थे जिनमें से अलॉटमैंट के लिए 14 का चयन किया गया था। इस आबंटन में जमकर भाई-भतीजावाद हुआ था। अलॉटमैंट की शर्तें भी कुछ इस प्रकार की थीं कि राशि का भुगतान करने के बाद अलॉटी इन प्लाटों को बेच या गिफ्ट कर सकता है। सूत्रों की मानें तो पूर्व हुड्डा सरकार ने इन प्लाटों के आबंटन के लिए अंतिम समय में नियमों में फेरबदल कर दिया था। नए नियमों के बारे में आम लोगों को पूरी तरह से जानकारी नहीं दी गई। जिन लोगों को प्लाट आबंटित किए गए केवल उन्हीं ने नए नियमों के तहत आवेदन किया था। 

सी.बी.आई. को मिले हैं अहम सबूत
पंचकूला औद्योगिक प्लाट आबंटन की जांच में सी.बी.आई. को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। सी.बी.आई. ने अपनी जांच में पाया है कि पूर्व की हुड्डा सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को प्लाट आबंटित किया। प्लाट आबंटन में न तो औद्योगिक घरानों का पैमाना देखा गया और न ही आबंटियों का बैकग्राऊंड। सी.बी.आई. जांच में साफ है कि अधिकांश प्लाट धारकों की मंशा उद्योग लगाने की नहीं, बल्कि महंगे दामों पर प्लाट बेचकर कमाई करने की रही है। हालांकि इससे पूर्व विजीलैंस जांच में ही यह बात साफ हो गई थी कि पूर्व हुड्डा सरकार ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए रात को नियम बनाए और सुबह उन्हें लागू कर दिया, दोपहर में चहेतों को नए नियमों के तहत लाभ पहुंचा दिया। 

हुडा विभाग के अफसरों के साथ सीबीआई के निशाने पर हुड्डा
सी.बी.आई. सूत्रों की मानें तो हुडा विभाग के अफसरों व अलॉटियों के साथ ही सी.बी.आई. के निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी हैं। वजह साफ है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री के साथ-साथ हरियाणा अर्बन डिवैल्पमैंट अथॉरिटी के चेयरमैन भी थे। सी.बी.आई. के हाथ लगे दस्तावेजों के मुताबिक चेयरमैन की मर्जी के तहत ही चहेतों को प्लाट अलॉट किए गए थे। ऐसे में चेयरमैन की भूमिका को सबसे ज्यादा संदिग्ध माना गया है। यही नहीं सी.बी.आई. को मामला सुपुर्द किए जाने के समय महाधिवक्ता बलदेव महाजन ने भी चेयरमैन के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की थी।

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