Edited By vinod kumar, Updated: 01 Dec, 2019 11:59 AM
सोनीपत की बहू अनीता श्योराण ने नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में बड़ा उलटफेर किया। अनीता ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 68 किग्रा कैटेगरी में देश की नंबर-1 रेसलर 20 साल की दिव्या काकरान को हरा दिया।
डेस्क: सोनीपत की बहू अनीता श्योराण ने नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में बड़ा उलटफेर किया। अनीता ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 68 किग्रा कैटेगरी में देश की नंबर-1 रेसलर 20 साल की दिव्या काकरान को हरा दिया। यह उलटफेर शनिवार को देखने को मिला। इसमें 35 साल की अनीता ने गोल्ड मेडल जीता। उनके साथ-साथ ओलंपियन विनेश फौगाट और साक्षी मलिक ने रेलवे के लिए गोल्ड मेडल जीते। अनीता ने 2016 में रेसलिंग छोड़ दी थी। दो साल बाद कमबैक करने के लिए कड़ी मेहनत की। उनका एक बेटा भी है।
2010 की कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट अनीता ने कहा, ‘मैं बाउट के लिए तैयार थी। टारगेट तय था- मुझे दिव्या को हराना है। वो कॉमनवेल्थ गेम्स की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हैं। कोच और फिजियो हमेशा उनके साथ रहते हैं। लेकिन मेरे पास ऐसी किसी तरह की सुविधा नहीं थी। जीत का श्रेय मेरे पति नवीन कुमार को जाता है, जिन्होंने प्रेरित किया और सास ने सबसे ज्यादा साथ दिया। उन्होंने बेटे आर्यवीर को भी संभाला और घर का काम भी। मुझे सिर्फ प्रैक्टिस पर फोकस करने के लिए कहा। मेरे लिए इससे बेहतर लम्हा कोई नहीं है। अब नजर फरवरी में होने वाली एशियन चैंपियनशिप पर है। फिर ओलोपिंक एशियन क्वालिफाइंग राउंड की भी मैं तैयारी करूंगी।
अनीता ने 2016 में रेसलिंग से किनारा कर लिया था। बेटे को जन्म देने के बाद वजन बढ़ गया था। इसलिए वापसी और भी मुश्किल थी। लेकिन करीब दो साल बाद कमबैक करने की ठानी। मधुबन में तैनात इंस्पेक्टर अनीता ने कहा कि तैयारी के लिए अच्छे पार्टनर नहीं मिल रहे थे, इसलिए मैंने एएसआई संदीप के साथ अभ्यास किया और नेशनल चैंपियनशिप में 65 किग्रा वर्ग का गोल्ड जीता। इस वर्ग में ओलोपिंक वेट कैटेगरी नहीं थी, इसलिए 68 किलो वर्ग को चुना, जिसमें दिव्या का दबदबा था।