Edited By Rakhi Yadav, Updated: 18 Dec, 2018 04:41 PM
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2018 के उपलक्ष्य में पुरुषोत्तमपुरा बाग में हरियाणा की संस्कृति से ओतप्रोत प्रदर्शनी किसी से छिपी नहीं है। यहां पर्यटक अद्भुत चीजों को निहारते हुए सैल्फी...
कुरुक्षेत्र(धमीजा): अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2018 के उपलक्ष्य में पुरुषोत्तमपुरा बाग में हरियाणा की संस्कृति से ओतप्रोत प्रदर्शनी किसी से छिपी नहीं है। यहां पर्यटक अद्भुत चीजों को निहारते हुए सैल्फी ले रहे हैं। पर्यटक हरियाणवी रसोई से संबंधित व्यंजन बाजरे की खिचड़ी, हरियाणवी गोल-गप्पे, हरियाणवी देसी थाली, गुड़ की चाय, चूरमा, घी कासार आदि व्यंजनों का स्वाद चख रहे हैं।
अन्य व्यंजन भी पर्यटकों को लुभा रहे हैं। यहां हुक्का, पीढ़ी भराई, बिजना बुआई, टोकरा बुनाई, दरी बुनाई, खेती-बाड़ी के औजार, पुराने ताले, चित्रकला प्रदर्शनी सहित अन्य स्टाल आकर्षण का केंद्र हैं। हरियाणवी रागिनी का बुजुर्ग आनंद ले रहे हैं। मेवात से पीढ़ा भराई का स्टाल लगाने वाले शमशेर ने बताया कि पीढ़़ा हरियाणा की पुरानी परम्परा है।
विवाह उपरांत जब बहू घर आती थी तो सबसे पहले उसे पीढ़े पर बिठाया जाता था जोकि शुभ होता था। समय बदलने के साथ लोग पीढ़ा परम्परा को न भूलें, इसलिए वह पीढ़ा भराई का कार्य कर इस परम्परा को जिंदा रख रहे हैं। मिट्टी के बर्तन, खाट भराई आदि कार्य को भी लोग उत्साह से देख रहे हैं। अमीन से आए सरजन सिंह व पातड़ा निवासी बिमला देवी ने गीता महोत्सव पर हरियाणवी संस्कृति से लोगों को ओतप्रोत करवाया।