कुरुक्षेत्र में 45 सालों में भू-जल स्तर 30.09 मीटर नीचे खिसका

Edited By Isha, Updated: 12 Jul, 2019 05:13 PM

in kurukshetra the groundwater level drops below 30 09 meters in 45 years

जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी एवं ए.डी.सी. पार्थ गुप्ता ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिले में गिरता भू-जल स्तर ङ्क्षचता का विषय है।  जिले में 45 सालों में भू-जल स्तर 30.09 मीटर नीचे खिसक गया है यानी जून 1974 में कुरुक्षेत्र का भू-जल स्तर

कुरुक्षेत्र  (धमीजा): जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी एवं ए.डी.सी. पार्थ गुप्ता ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिले में गिरता भू-जल स्तर ङ्क्षचता का विषय है।  जिले में 45 सालों में भू-जल स्तर 30.09 मीटर नीचे खिसक गया है यानी जून 1974 में कुरुक्षेत्र का भू-जल स्तर 10.55 मीटर था जोकि जून, 2019 में 40.64 मीटर पर पहुंच गया है। इस स्थिति को जहन में रखते हुए केन्द्र और राज्य सरकार ने जल शक्ति अभियान और जल ही जीवन योजना के तहत कुरुक्षेत्र में गिरते भू-जल स्तर की सेहत को सुधारने के लिए सरकारी स्कूलों और भवनों में रेन वाटर  हार्वेसिं्टग सिस्टम लगाने का निर्णय लिया है। कंडम हो चुके बोरवैल का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा। ए.डी.सी. ने लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में कहा कि जून, 1974 में बाबैन में भू-जल स्तर 11.92 मीटर, लाडवा में 11.50 मीटर, पिहोवा में 5.95 मीटर, शाहाबाद में 9.51 मीटर, थानेसर में 13.89 मीटर, इस्माईलाबाद में 10.42 मीटर, पिपली में 10.63 मीटर पर था। अब इन सभी जगहों पर भू-जल स्तर की स्थिति डरावनी हो गई है। 

जून, 2019 के आंकड़ों पर बाबैन ब्लाक में भू-जल स्तर 42.37 मीटर, लाडवा में 34.13 मीटर, पिहोवा में 39.38 मीटर, शाहाबाद में 45.38 मीटर, थानेसर में 35.83 मीटर, इस्माईलाबाद में 45.16 मीटर और पिपली ब्लाक में 42.24 मीटर पर पहुंच चुका है।  इस स्थिति को देखते हुए केन्द्र सरकार ने वर्ष 2006 में शाहाबाद और वर्ष 2011 में लाडवा और पिहोवा ब्लाक को नोटिफाई करते हुए कृषि के लिए ट्यूबवैल लगवाने का कनैक्शन जारी करने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे। उन्होंने कहा कि आज कुरुक्षेत्र जिले के सभी 7 ब्लाकों में भू-जल का दोहन होने से स्थिति काफी खराब हो गई है और पूरे जिले में पानी का बहुत अधिक प्रयोग किया जा रहा है। अगर कृषि क्षेत्र की तरफ नजर दौड़ाएं तो कुरुक्षेत्र जिले में 37,277 ट्यूबवैल से सिंचाई की जा रही है। 

इससे सबसे ज्यादा जल का दोहन हो रहा है। इस जिले में जमीन के नीचे पानी की ज्यादा निकासी होने के कारण प्रतिवर्ष करीब 2 मीटर भू-जल स्तर नीचे जा रहा है। ' इस स्थिति से निपटने के लिए जल शक्ति अभियान के तहत सबको जागरूक होकर और नैतिक कत्र्तव्य समझकर पानी की बूंद-बंूद को बचाना है और बरसाती पानी से भू-जल स्तर की सेहत को सुधारने का संकल्प लेना है। भू-जल कोषअधिकारी डा. महावीर सिंह और उनकी टीम की तरफ से अब जल शक्ति अभियान के तहत बरसाती पानी को बचाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए योजना भी तैयार की है।

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