एक्सटेंशन लेक्चरर को मैटरनिटी लीव देने के हाईकोर्ट के आदेश

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 05 Nov, 2018 01:32 PM

high court orders giving maternity leave to extension lecturer

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी ने हरियाणा में असिस्टैंट प्रोफैसर्स/ एक्सटैंशन लैक्चरार की मैटरनिटी लीव की मांग वाले मामले में अहम आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि याची ....

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी ने हरियाणा में असिस्टैंट प्रोफैसर्स/ एक्सटैंशन लैक्चरार की मैटरनिटी लीव की मांग वाले मामले में अहम आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि याची लैक्चरार्स को तत्काल 3 महीने की मैटरनिटी लीव प्रदान की जाए, वहीं लैक्चरार्स उस लीव को आगे 6 महीने तक एक्सटैंड करने के लिए एप्लीकेशन दे सकती है। हाईकोर्ट ने पाया कि असिस्टैंट प्रोफैसर /एक्सटैंशन लैक्चरार्स को 25,000 फिक्स मासिक वेतन और 10 दिन की कैजुअल लीव तो मिल रही है मगर उन्हें मैटरनिटी लीव नहीं दी जा रही। 

हाईकोर्ट ने सरकार समेत अन्य प्रतिवादियों को 3 मार्च के लिए नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट में याचिका के द्वारा हाईकोर्ट के वर्ष 1999 के राजबाला बनाम हरियाणा सरकार के केस में दिए गए आदेशों का हवाला दिया गया जिसमें कांट्रैक्चुअल कर्मियों को भी मैटरनिटी लीव का हकदार बताया गया था। याची पक्ष की तरफ से अधिवक्ता दलबीर सिंह ने दलीलें पेश कीं। इस मामले में रोहतक की सुमन रानी समेत 5 असिस्टैंट प्रोफैसर्स ने हरियाणा सरकार, डायरैक्टर जनरल हायर एजुकेशन व अन्यों को पार्टी बनाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कहा गया कि रैगुलर फी-मेल असिस्टैंट प्रोफैसर्स को यह सुविधा दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट की जजमैंट को आधार बनाते हुए कहा गया है कि कांट्रैक्चुअल और रैगुलर इम्प्लाइज के बीच मैटरनिटी लीव को लेकर भेदभाव नहीं किया जा सकता। ऐसे में प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाए कि उचित नियम लागू कर याचियों को भी मैटरनिटी लीव का लाभ दिया जाए।
 

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