Edited By Isha, Updated: 18 Jul, 2019 12:39 PM
हलके के अधिकतर गांवों में निकासी की समस्या के चलते पानी का बहाव एक स्थान पर ही न रहने को लेकर प्रशासन द्वारा कई गांवों की सड़कों के ङ्क्षलक अस्थायी रूप से तोड़ दिए गए हैं। जिन गांवों से पानी बहकर दूसरे गांवों में जा रहा है, वहां के खेत लबालब हो रहे...
थानेसर (नरुला): हलके के अधिकतर गांवों में निकासी की समस्या के चलते पानी का बहाव एक स्थान पर ही न रहने को लेकर प्रशासन द्वारा कई गांवों की सड़कों के ङ्क्षलक अस्थायी रूप से तोड़ दिए गए हैं। जिन गांवों से पानी बहकर दूसरे गांवों में जा रहा है, वहां के खेत लबालब हो रहे हैंजिससे ग्रामीणों का गुस्सा 7वें आसमान पर पहुंच रहा है। वे प्रशासन व हलका विधायक की शरण में पहुंच रहे हैं जिसे देख प्रशासन उनकी समस्या हल करने के लिए दूसरे गांव के ङ्क्षलक तोड़ पानी आगे निकालने का काम कर रहा है, किंतु स्थायी समस्या का समाधान फिलहाल नहीं हो पाया है।
गत दिवस भिवानी खेड़ा व बिशनगढ़ में घुसा पानी निकालने के लिए प्रशासन को पसीना बहाना पड़ा, जबकि इससे पूर्व इन गांवों के ग्रामीणों ने जाम लगा गुस्से का इजहार किया था।
बीती रात पानी का बहाव बाहरी में आता देख ग्रामीण हलका विधायक की शरण में रात्रि ही पहुंच गए।
प्रशासन ने देर रात्रि ही बाहरी से जोगनखेड़ा की सड़क का ङ्क्षलक तोड़ दिया जिससे बरसाती पानी बुधवार को जोगना खेड़ा में प्रवेश कर गया। ऐसे में सुबह जैसे ही जोगना खेड़ा के ग्रामीणों ने खेतों को पानी से भरा देखा, उनके होश उड़ गए।
लिहाजा ये पानी रिहायशी इलाके से दूर है, किंतु ग्रामीणों को डर सता रहा है कि कहीं पानी का रुख उनके घरों की ओर न मुड़ जाए जिसे लेकर वे सरपंच अमरजीत से बातचीत कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बरसात हुई तो उन्हें भी जोगनाखेड़ा से नरकातारी ङ्क्षलक तोडऩा पड़ेगा, अन्यथा पानी का भराव उनके घरों पर मार कर सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि फ्लड के लिए विभिन्न गांवों में बनाया बड़ा नाला जमींदारों ने तोड़कर पानी के लिए खेतों में छोड़ा हुआ है। ये भी फ्लड का प्रमुख कारण है जिसकी ओर प्रशासन का ध्यान नहीं गया।