Edited By Deepak Paul, Updated: 17 Jan, 2019 03:37 PM
हां भई के तकलीफ है तेरी। टिकदा नी के तूं...। बता के काम है। तेरा इलाज करना पड़ेगा...। तूं घना क्यों उछल रहा है। आप समझ ही गए होंगे कि इस लहजे में बात करने का अंदाज किसका है। हरियाणा पुलिस अपने पुराने ढर्रे पर आती नजर आ रही...
थानेसर (नरुला): हां भई के तकलीफ है तेरी। टिकदा नी के तूं...। बता के काम है। तेरा इलाज करना पड़ेगा...। तूं घना क्यों उछल रहा है। आप समझ ही गए होंगे कि इस लहजे में बात करने का अंदाज किसका है। हरियाणा पुलिस अपने पुराने ढर्रे पर आती नजर आ रही है। आप्रेशन श्रीमान महज 2 हफ्ते में ही दम तोड़ गया।
पुलिस थाने में आने वालों पर अपने उसी स्टाइल में रौब गालिब करने लगी है। हरियाणा पुलिस ने 1 से 31 जनवरी तक आप्रेशन श्रीमान शुरू किया था। कुछ दिन पुलिस ने लोगों से कहा, आइए श्रीमान... बताइए श्रीमान... क्या दिक्कत है श्रीमान... अपनी परेशानी बताइए श्रीमान.... हम आपकी क्या सहायता कर सकते हैं श्रीमान... किंतु अब यही अदब हवा हवाई हो रहा लगता है। पुलिस फिर अपने पुराने ढर्रे पर आ गई है।
आप्रेशन श्रीमान का मकसद पुलिसकर्मियों के स्वभाव में विनम्रता का समावेश करना था।
हरियाणा पुलिस द्वारा जनता के सम्मान को बनाए रखने के लिए शुरू की अनूठी पहल का व्यापक असर कुरुक्षेत्र पुलिस के बर्ताव पर दिखाई दिया था लेकिन अब पुलिस ने ही इसे पलीता लगा दिया है।
जिन लोगों ने थानों में जाकर पुलिस से सम्पर्क किया या कंट्रोल रूम पर टैलीफोन किया तो सब आगे से श्रीमान का सम्बोधन सुनकर चकित रह गए परन्तु अब फिर कई स्थानों पर डांटने वाले अंदाज में पुलिस पेश आ रही है। कुरुक्षेत्र एस.पी. सुरेंद्र पाल सिंह ने हरियाणा पुलिस के इस अभियान को गम्भीरता से लिया था।
उन्होंने अपने मातहत पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए थे कि आप्रेशन श्रीमान किसी भी सूरत में औपचारिकता मात्र न बन जाए, बल्कि इसका पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के व्यवहार में हमेशा के लिए समावेश होना चाहिए ताकि पुलिस की अच्छी छवि हो और लोग पुलिस के शिष्टाचार से प्रभावित होकर तारीफ करें परन्तु पुलिस के कुछ निचले अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान को गम्भीरता से नहीं ले रहे।