रिश्वतखोर एस.डी.ओ. को अदालत ने सुनाई 5 साल की कैद

Edited By Isha, Updated: 16 Jul, 2019 12:49 PM

bribery sdo court sentenced to 5 years imprisonment

वर्ष 2016 में इस्माईलाबाद स्थित विद्युत निगम के सब डिवीजन में कार्यरत एक क्लर्क से हर माह बतौर 5 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में विजीलैंस विभाग अम्बाला के डी.एस.पी. सहित टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए निगम के ही एस

कुरुक्षेत्र (धमीजा): वर्ष 2016 में इस्माईलाबाद स्थित विद्युत निगम के सब डिवीजन में कार्यरत एक क्लर्क से हर माह बतौर 5 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में विजीलैंस विभाग अम्बाला के डी.एस.पी. सहित टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए निगम के ही एस.डी.ओ. को दोषी करार देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सिंह की अदालत ने क्रप्शन की धारा में सजा सुनाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वरिष्ठ जिला उपन्यायवादी मेनपाल सिंह ने बताया कि सितम्बर माह में विद्युत निगम की सब डिवीजन में कार्यरत इस्माईलाबाद निवासी दलजीत सिंह ने विजीलैंस विभाग अम्बाला को शिकायत देते हुए कहा था कि वह निगम में कंज्यूमर क्लर्क के पद पर कार्यरत है। इसी विभाग में एक एस.डी.ओ. भी तैनात हैं। जो कि पिछले 4 माह से हर कर्मचारी से बतौर 5 हजार रुपए रिश्वत देने की मांग करता आ रहा है, उससे भी ले रहा है।

घूसखोर एस.डी.ओ. को गिरफ्तार कराने को लेकर विजीलैंस विभाग में शिकायत की। विजीलैंस टीम ने योजना बनाते हुए शिकायतकत्र्ता को 500-500 के 10 नोट हस्ताक्षरित व पाऊडरयुक्त थमा दिए। घूसखोर एस.डी.ओ. को गिरफ्त में लेने के लिए शिकायतकत्र्ता दलजीत सिंह को एस.डी.ओ. के कार्यालय में भेजा। इससे पूर्व विजीलंैस टीम के कई कर्मियों को भेज दिया था। जैसे ही शिकायतकत्र्ता एस.डी.ओ. के पास पहुंचा और रिश्वत की मांग की तो शिकायतकत्र्ता ने हस्ताक्षरित राशि उक्त एस.डी.ओ. को थमा दी। इशारा मिलते ही ड्यूटी मैजिस्ट्रेट, डी.एस.पी. विजीलैंस टीम सहित दस्तक दे दी। विजीलैंस को देख एस.डी.ओ. के होश उड़ गए। विजीलैंस ने रिश्वत की राशि बरामद करते हुुए हाथ धुलवाए तो रंगे पाए गए। इस मामले में 8 सितम्बर 2016 को मामला दर्ज कर लिया गया था।

आरोपी को कुछ समय बाद अदालत से जमानत मिल गई थी। इस मामले की सुनाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में चल रही थी। न्यायाधीश ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए विजीलैंस विभाग के कर्मी व ड्यूटी मैजिस्ट्रेट सहित शिकायतकत्र्ता के बयानों को कलमबद्ध किया।  इस मामले में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह सुनते हुए न्यायाधीश ने दोषी करार देते हुए क्रप्शन की धारा 7 में 4 साल की कैद, 10 हजार रुपए जुर्माना व अन्य धारा में 5 साल की कैद 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। 

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