Edited By Isha, Updated: 07 Oct, 2019 12:06 PM
उपायुक्त डा. एस.एस. फुलिया ने कहा कि कृषि विभाग की तरफ से खेतों में फसल अवशेषों को जलाने पर 7 लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के लिए शिकायत दी है और इसमें से 5 लोगों के खिलाफ ...
कुरुक्षेत्र (ब्यूरो) : उपायुक्त डा. एस.एस. फुलिया ने कहा कि कृषि विभाग की तरफ से खेतों में फसल अवशेषों को जलाने पर 7 लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के लिए शिकायत दी है और इसमें से 5 लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर ली गई है। इतना ही नहीं जो भी व्यक्ति फसल अवशेष को जलाएगा, उसके खिलाफ तुरंत एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाएगी और नियमानुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने रविवार को बातचीत करते हुए बताया कि फसल की कटाई के पश्चात खेतों में खड़े फानों, पराली व अवशेष जलाने पर धारा 144 लगाकर पूर्णत: प्रतिबन्ध लगाया गया है। जिला की सीमा के अंदर धान की फसल की कटाई करने के उपरांत बची हुई पराली/अवशेषों को जला दिया जाता है। इन अवशेषों के जलाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, सम्पत्ति की हानि, तनाव, क्रोध और मानव जीवन को खतरे की सम्भावना रहती है।
उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिला कुरुक्षेत्र में फसल की कटाई के उपरांत बची पराली/अवशेषों को जलाने पर पूर्णत: प्रतिबन्ध लगाया गया है। इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो आई.पी.सी. की धारा -188 संपठित वायु तथा प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाती है और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 188 संपठित वायु तथा प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दंड का भागी होगा।
उन्होंने कहा कि कृषि कल्याण किसान विभाग के संज्ञान में आया कि जिला कुरुक्षेत्र के कुछ गांवों में लोगों द्वारा खेतों में अवशेषों को आग लगाई जा रही है। विभाग द्वारा उपायुक्त डा. एस.एस. फुलिया के मार्गदर्शन में विभिन्न गांवों का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान गांव ङ्क्षझझरपुर, त्यौड़ा, बारना, कुम्हार खेड़ी, अमीन में एक-एक और किरमच में 2 लोगों द्वारा खेतों में फसल अवशेषों में आग लगाई गई थी।
उपायुक्त के निर्देशानुसार कृषि विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई करते हुए फसल अवशेष जलाने पर 7 लोगों के खिलाफ संबंधित थानों में रिपोर्ट की गई है। उपायुक्त ने जिले के सभी किसानों से कहा कि फसल अवशेषों को आग लगाने से जान-माल को भी क्षति पहुंचने का अंदेशा लगा रहता है और इससे वायु प्रदूषण भी होता है, इसलिए किसानों को अपने खेतों में खड़े फसल अवशेषों को आग नहीं लगानी चाहिए।