73  दिन बाद भी पत्थर का स्टॉक पूरा नहीं

Edited By kamal, Updated: 20 May, 2019 02:20 PM

stone stock is not complete after 73 days

यमुना में स्टड बनाने के लिए सिंचाई विभाग हर साल करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाता है। इस बार 6 करोड़ से अधिक का टैंडर...

करनाल(मनोज): यमुना में स्टड बनाने के लिए सिंचाई विभाग हर साल करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाता है। इस बार 6 करोड़ से अधिक का टैंडर अलाट किया गया है। 4 जगह नए स्टड बनेंगे। कुछ जगह पुराने स्टड की मुरम्मत होगी। विभाग का दावा है कि स्टड बनाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अधिकारियों के दावों की हकीकत जानने के लिए पंजाब केसरी की टीम ने रविवार को यमुना के घाटों का दौरा किया। ग्राऊंड रिपोर्ट चौंकाने वाली है।

फरवरी में स्टड निर्माण का टैंडर अलाट कर दिया गया था। 7 मार्च को ठेकेदार को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया। 30 जून तक डैडलाइन है। इसके बाद बरसात का सीजन शुरू हो जाएगा। हकीकत यह है कि 73 दिन बाद भी घाटों पर पत्थर का स्टॉक पूरा नहीं हो पाया है। अधिकारियों ने खुद माना कि मुस्तफाबाद में केवल 40 प्रतिशत पत्थर अभी आया है। कब स्टैक लगेंगे? कब इनकी पैमाइश होगी। न जाने कब तक स्टड का निर्माण कार्य पूरा हो पाएगा। करीब 6 करोड़ के काम में लेटलतीफी क्यों? इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है।
 
बड़ा सवाल : नोटिस के बाद भी हालात क्यों नहीं सुधरे 
सिंचाई विभाग के अधिकारी खुद मान रहे हैं कि शुरूआत से ही काम में देरी की गई। मार्च में पत्थर पूरा कर लिया होता तो यह नौबत नहीं आती। एक्स.ई.एन. मनीष शर्मा का कहना है कि ठेकेदार को अप्रैल के पहले सप्ताह में नोटिस जारी कर दिए थे। एक नोटिस एस.डी.ओ. और दूसरा एक्स.ई.एन. ने दिया था। चेतावनी के साथ रफ्तार बढ़ाने के निर्देश भी दिए थे। बड़ा सवाल यह है कि आखिर अप्रैल में नोटिस के बाद भी ठेकेदार ने पत्थर की सप्लाई पूरी क्यों नहीं की जबकि यह आपदा प्रबंधन से जुड़ा अहम मुद्दा है।
 
विभाग ने भी बरती ढील 

ग्राऊंड रिपोर्ट बताती है कि स्टड निर्माण में ठेकेदार की रफ्तार शुरूआत से ही मंद रही। विभाग ने भी ढील बरती। अधिकारी 30 जून की डैडलाइन के भरोसे हैं। सिंचाई विभाग की संजीदगी का अंदाजा अब तक के काम से लगाया जा सकता है। 73 दिन बीत जाने पर भी पत्थर की सप्लाई पूरी नहीं होना कई सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यही रफ्तार रही तो तय समय में स्टड निर्माण नहीं होगा। दबी जुबान में इस बात को मुस्तफाबाद में काम कर रही लेबर ने भी स्वीकार किया। 

मुस्तफाबाद में सबसे बड़ा काम 
नहरी विभाग ने फरवरी में 4 घाट कलसौरा, नबियाबाद, जम्मूखाला कॉम्प्लैक्स व मुस्तफाबाद का का टैंडर लगाया था। चारों कार्य करनाल की गुप्ता एंड कम्पनी को अलाट हुए। मुस्तफाबाद में सबसे बड़ा कार्य है। विभाग के अनुसार यहां 726 फुट तट पर स्टोन रिवेटमैंट बनेगी। इसके अलावा 6 स्टोन स्टड की मुरम्मत भी होगी। इसका टैंडर 2 करोड़ 92 लाख रुपए में दिया गया है। मुस्तफाबाद में 465 फुट स्टोन रिवेटमैंट बनेगी। एक नए स्टड का निर्माण और 4 स्टड की मुरम्मत भी होगी। यह टैंडर 1 करोड़ 75 लाख में दिया गया है। 

मार्च में दावा : काम युद्धस्तर पर जारी 
मार्च में डी.सी. विनय प्रताप सिंह ने टीम के साथ यमुना के घाटों का दौरा किया था। इसके बाद अधिकारियों ने दावा किया था कि काम युद्धस्तर पर जारी है। यहां तक कहा था कि मुस्तफाबाद कॉम्प्लैक्स में स्टोन रिवेटमैंट निर्माण का काम चल रहा है। 6 स्टोन स्टड की ठोकरों की मुरम्मत की जा रही है। सच्चाई यह है कि यहां अभी तक पत्थर ही पूरा नहीं आया है तो मार्च में स्टड निर्माण का काम कहां से शुरू हो गया। 

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