बढ़ी बेटियों की संख्या, नवम्बर में पैदा हुई 1000 लड़कों के पीछे 1034 बेटियां

Edited By Deepak Paul, Updated: 08 Dec, 2018 12:09 PM

number of grown daughters

करनाल के इतिहास में पहली बार एक हजार लड़कों के पीछे 1034 बेटियां पैदा हुई है जो स्वास्थ्य विभाग के लिए गौरव की बात है। आंकड़े नवम्बर 2018 के है, उपलब्धि पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब तक पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत 23 एफ.आई.आर. व एम.टी.पी. किट के...

 

करनाल(सरोए): करनाल के इतिहास में पहली बार एक हजार लड़कों के पीछे 1034 बेटियां पैदा हुई है जो स्वास्थ्य विभाग के लिए गौरव की बात है। आंकड़े नवम्बर 2018 के है, उपलब्धि पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब तक पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत 23 एफ.आई.आर. व एम.टी.पी. किट के तहत 18 एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई। जबकि कई केसों की सुनवाई अंतिम चरण में है, संभव है कि कोर्ट आरोपियों को सजा का फरमान भी सुना दे।

यही नहीं विभाग द्वारा कन्या भ्रूण हत्या, लिंग जांच करने व करवाने वालों की सूचना देने वालों को अब तक सरकार द्वारा 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार भी दिया जा चुका है। नकद ईनाम देने की शुरूआत करने से विभाग के पास काफी सूचनाएं मिलने लगी हैं। काबिलेगौर है कि जनवरी से नवम्बर तक एक हजार लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या 930 रही। जबकि अकेले नवम्बर माह में यह संख्या बढ़कर 1034 रही।

विभाग का दावा, कहीं अब भी गलत हो रहा विभाग के अधिकारियों को अंदेशा है कि जिले में अब भी कहीं न कहीं कुछ गलत हो रहा है। विभाग को सूचनाएं भी मिल रही हैं कि कई अभिभावक लिंग जांच करवा रहे हंै। जिले में अब भी कई जगह एम.टी.पी. किट बेची जा रही है। इन सब पर विभाग द्वारा विशेष निगरानी रखी जाएगी। आरोपियों को पकडऩे के लिए विभाग द्वारा टीमों का गठन कर दिया। जो मिलने वाली सूचनाओं पर अमल कर कार्रवाई की जाएगी। लक्ष्य को पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा यू.पी. में भी जाकर छापामारी कर ङ्क्षलग जांच करने वालों को पकड़ा था जिनके खिलाफ शामली-सहारनपुर में भी केस दर्ज करवाए गए।

रखी जा रही अल्ट्रासाऊंड केंद्रों पर नजर सरकार की सख्ती के चलते जिले में लिंग जांच का कारोबार काफी हद तक कम हुआ है। लोगों में भय का माहौल बना है कि अगर पकड़े गए तो सजा मिलना तय है। इस मामले में कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। इसलिए अभिभावक लिंग जांच के लिए यू.पी, दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों में जाकर लिंग जांच करवाने के प्रयास करने लगे है। इसके लिए वहां के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिलकर संयुक्त रूप से छापामारी की जाएगी।

क्या कहते हैं डिप्टी सिविल सर्जन डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र कुमार व डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राजेश गोरिया ने बताया कि नवम्बर माह में बेटियां एक हजार लड़कों के पीछे 1034 बेटियां पैदा हुई है। जो जिले में अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा लगातार छापामार कार्रवाई की जा रही है। अब तक विभाग द्वारा 41 एफ.आई.आर. दर्ज कराई जा चुकी है।

साथ ही लिंग जांच व कन्या भ्रूण हत्या करने व करवाने वालों की सूचना देने वालों को अब तक 10 लाख रुपए का नकद ईनाम दिया जा चुका है। उन्होंने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि जो भी लिंग जांच व कन्या भू्रण हत्या करने वालों की सूचना देगा, अगर सूचना सही पाई गई तो उसे एक लाख रुपए का नकद ईनाम दिया जाएगा साथ ही नाम व पता गुप्त रखा जाएगा।

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