Edited By Deepak Paul, Updated: 14 Dec, 2018 02:28 PM
करनाल सहकारी शूगर मिल के नवीनीकरण करने का मामला अटक जाने से गन्ना उत्पादक किसानों में ङ्क्षचता बढऩे लगी है। इसके साथ ही एक बार फिर किसान आंदोलन की राह पर चलने के लिए मजबूर होते दिखाई देने लगे हैं। भारतीय किसान यूनियन ने इस मामले को गंभीरता लेते हुए...
करनाल(ब्यूरो): करनाल सहकारी शूगर मिल के नवीनीकरण करने का मामला अटक जाने से गन्ना उत्पादक किसानों में ङ्क्षचता बढऩे लगी है। इसके साथ ही एक बार फिर किसान आंदोलन की राह पर चलने के लिए मजबूर होते दिखाई देने लगे हैं। भारतीय किसान यूनियन ने इस मामले को गंभीरता लेते हुए किसान आंदोलन शुरू करने की रणनीति तय कर ली है। भाकियू में इस बात को लेकर रोष पनपने लगा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सीधे तौर पर हस्तक्षेप करने के बाद भी मिल के नवीनीकरण मामले में कोई भी आज तक सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में भाकियू के पास आंदोलन के सिवा और कोई रास्ता बचता दिखाई नहीं दे रहा है।
भाकियू की ओर से 21 दिसम्बर को करनाल सहकारी शूगर मिल प्रांगण में कार्यकत्र्ताओं की किसान पंचायत बुलाई गई है जिसमें आंदोलन को अंतिम रूप देने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। पंचायत में इस मामले सहित कई मुद्दे उठाए जाएंगे। भाकियू के जिला प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान ने इंद्री में किसानों की बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से भाकियू के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता करते हुए शूगर मिल का नवीनीकरण गत नवम्बर तक किए जाने की स्पष्ट तौर पर मीडिया के समक्ष घोषणा की थी। आज तक मुख्यमंत्री की किसान हित में की गई इस घोषणा को लगातार नजरअंदाज किया जाना एक गंभीर मसला है।
मिल नवीनीकरण न होने से क्षुब्ध किसानों ने जोरदार नारेबाजी कर अपनी आवाज को बुलंद किया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमचंद शाहपुर, प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, जिलाध्यक्ष यशपाल राणा औगंद, जिला संरक्षक महताब कादियान, किसान नेता नेकीराम गढ़ी बीरबल, ओमपाल मंढाण, दलबीर कलसोरा, सतबीर सिंह गढ़ी बीरबल, संजीव सहित कई किसान मौजूद थे।