Edited By Updated: 19 Feb, 2016 06:44 PM
सूरजकुंड के बाद अब करनाल में लोगों को 19 से 28 फरवरी तक राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले में देश की संस्कृति
करनाल, (कमल मिड्ढा): सूरजकुंड के बाद अब करनाल में लोगों को 19 से 28 फरवरी तक राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले में देश की संस्कृति और सभ्यता प्रत्यक्ष देखने को मिलेगी । इस मेले का उद्घाटन आज प्रदेश के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने किया। इस मौके पर मेले में आए देश के विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने एक लघु भारत की झलक पेश करते हुए विविधता में एकता का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि मेले सामाजिकता का प्रतीक होते हैं। इनमें विभिन्न संस्कृतियों का संगम एक जगह पर देखने को मिलता है। यह मेला अपने स्तर का बहुत ही आकर्षक मेला होगा। इसमें कईं राज्यों की संस्कृति,सभ्यता,रहन-सहन, जीवन शैली को मंच के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि मेले में देश के लगभग सभी राज्यों के लघु उद्यमी और कलाकार बढ़—चढक़र भाग ले रहे हैं। आगामी 28 फरवरी तक विभिन्न राज्यों के कलाकार और फनकार अपने-अपने राज्यों की सभ्यता और संस्कृति के जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करेगें।
गौरतलब है की मेले में रोजाना शाम को देश के विभिन्न राज्यों से आए नामी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। विभिन्न राज्यों के अधिकतर कलाकार रामायण,महाभारत के पात्रों की वेशभूषा के साथ-साथ परम्परागत हथियारों गदा,धनुष,भाला,तलवार आदि के साथ सजे-धजे नजर आए। विभिन्न राज्यों के कलाकारों की इस प्रकार की उपस्थिति से ऐसा लग रहा है मानो समुचा हिन्दुस्तान कर्ण की कर्म भूमि पर आ पहुंचा है।
झारखण्ड के छाऊ कलाकार की भूमिका में बहुत ही आकर्षक लग रहे थे। हर कोई उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए बेताब नजर आया। पहले दिन 16 राज्यों के कलाकार मेले में पहुंचे। सरस मेले में 250 स्टाल लगाए गए है। मेले के उद्घाटन से पूर्व राज्यपाल ने यहां माता प्रकाश कौर वाणी एवं विकलांग केंद्र में लाइब्रेरी का उद्घाटन भी किया।