Edited By Rakhi Yadav, Updated: 15 Oct, 2018 03:13 PM
सरकार के दावों को अगर मानें तो कर्ण नगरी करनाल जल्द ही स्मार्ट सिटी में बदलने जा रही है, जिसके बाद इस शहर में आम जनता को हर वह मूलभूत सुविधाएं व सुरक्षा मिलेगी जो पश्चिम के देशों में मिलती....
करनाल(पांडेय): सरकार के दावों को अगर मानें तो कर्ण नगरी करनाल जल्द ही स्मार्ट सिटी में बदलने जा रही है, जिसके बाद इस शहर में आम जनता को हर वह मूलभूत सुविधाएं व सुरक्षा मिलेगी जो पश्चिम के देशों में मिलती है। शानदार बाजार के अलावा शहर में हर तरफ सुंदरता भी नजर आएगी। स्मार्ट सिटी के प्रोजैक्ट में जो नागरिकों से डायरैक्ट जुड़ी है, वह है कंट्रोल व कमांड केंद्र, यहां से नागरिकों की सभी मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उनकी सभी समस्याओं का निवारण किया जाएगा।
इस कंट्रोल व कमांड सैंटर से पूरा शहर कंट्रोल होगा। यहां पर मौजूद स्टॉफ सी.सी.टी.वी. की मदद से शहर पर नजर रखने के साथ शहर की ट्रैफिक व पार्किंग की समस्या को भी कंट्रोल करेगी। इसके अलावा यहां पर बिजली, पानी, सीवरेज, सफाई में होने वाली समस्याओं की शिकायत सुन निपटारा किया जाएगा। साथ ही एमरजैंसी में स्वास्थ्य सुविधा पूछने में भी लोगों को इस कंट्रोल रूप से मदद मिलेगी। निगम आयुक्त राजीव मेहता ने बताया कि कनिष्क सब-प्रोजैक्ट के तहत एक्शन टीम की तैनाती, कमांड एंड कंट्रोल एरिया, समेकित कॉल सैंटर, ऑनलाइन सेवाओं के लिए क्योस्क, शहर में ऑप्टिकल फाइबर बिछाना, इंटैलीजैंट पोल तथा टीम ट्रेनिंग इत्यादि कार्यों पर 17.79 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
इसके अतिरिक्त प्रवाह-द्वितीय सब-प्रोजैक्ट पर शहर की निगरानी, आपातकालीन सड़क मुरम्मत वाहन, सांझी साइकिल मॉड्यूल, स्मार्ट बस स्टॉप, स्मार्ट पार्किंग सिस्टम तथा ट्रैफिक वायलेशन डिटैक्शन सिस्टम पर 305.39 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं कंट्रोल रूम को स्थापित करने में लगने वाले समय पर पूछने पर उन्होंने कहा कि सलाहकार कंपनी अभी शहर का सर्वे कर रही है। सर्वे पूरा होने के वाद जगह और समय फाइनल हो पाएगा। निगम कमिश्रर राजीव मेहता की मानें तो सलाहकार कंपनी के अधिकारी अभी शहर का सर्वे करने में जुटे हैं, सर्वे पूरा होने के बाद रिपोर्ट बनाई जाएगी।
पुराने सरकारी भवनों का होगा पुन: निर्माण
शहर में जल्द ही पुराने सरकारी भवन भी नजर नहीं आएंगे। स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत शहर में मौजूद सभी पुरानी बिल्डिंगों को रि-डिवैल्प किया जाएगा। इसके लिए भी सर्वे किया जा रहा और ऐसी इमारतों की लिस्ट बनाई जा रही है जो पुरानी हो चुकी हैं।