Edited By Isha, Updated: 18 Aug, 2019 04:58 PM
धान के सीजन में आबोहवा शुद्ध बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन सख्त हो चला है। डी.सी. के नेतृत्व में 4 टीमों का गठन किया गया है। गठित टीमें चैक करेंगी कि कम्बाइन मशीन संचालकों
करनाल (सरोए): धान के सीजन में आबोहवा शुद्ध बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन सख्त हो चला है। डी.सी. के नेतृत्व में 4 टीमों का गठन किया गया है। गठित टीमें चैक करेंगी कि कम्बाइन मशीन संचालकों ने मशीनों में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम लगाया है या नहीं। जिस मशीन संचालक ने सिस्टम नहीं लगाया होगा तो उन मशीनों को जब्त कर लिया जाएगा। बिना फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र वाली मशीनें धान की कटाई का कार्य नहीं कर सकेंगी।
एस.एम.एस. से कम्बाइन मशीन धान की फसल कटाई करते समय फसल अवशेषों को तूड़े की तरह अर्थात घास की तरह से काट देगी। जिसके चलते किसानों को फसल अवशेषों को आग लगाने की आवश्यकता नहीं होगी न ही उन्हें इसके लिए अतिरिक्त प्रबंध करने होंगे। हालांकि सरकार द्वारा कम्बाइन मशीनों पर यंत्र लगाने के लिए 50 प्रतिशत की सबसिडी भी दे रही है, बावजूद इसके कम्बाइन संचालक यंत्र लगाने के प्रति खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। वहीं, दूसरी ओर कृषि विभाग उन गांवों में विशेष नजर रखेगा, जिनमें पिछले साल फसल अवशेषों में आग लगाने के ज्यादा मामले सामने आए थे।
इसके अलावा उन गांवों के किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिनमें आग लगने की घटनाएं हुई ही या नहीं या फिर घटनाएं एकाध ही हुई है। इन गांवों के किसानों को सबसिडी पर फसल अवशेष प्रबंधन की मशीनें वरीयता के आधार पर दी जाएंगी। काबिलेगौर है कि जिले में करीब 4 लाख एकड़ में धान की फसल लगी हुई है। वहीं, अब तक करीब सैंकड़ों किसानों पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जा चुकी है, साथ ही लाखों रुपए जुर्माना फसल अवशेष जलाने वालों से वसूला जा चुका है।