Edited By Rakhi Yadav, Updated: 19 Aug, 2018 12:04 PM
पर्यावरण संरक्षण को लेकर अब सरकार व कृषि विभाग ने कमर कस ली है। दिन-प्रतिदिन बिगड़ते पर्यावरण को बचाने को लेकर अब विभाग ने विशेष कदम उठाते हुए धान फसल निकालते समय कम्बाइन में...
कैथल(महीपाल): पर्यावरण संरक्षण को लेकर अब सरकार व कृषि विभाग ने कमर कस ली है। दिन-प्रतिदिन बिगड़ते पर्यावरण को बचाने को लेकर अब विभाग ने विशेष कदम उठाते हुए धान फसल निकालते समय कम्बाइन में एस.एम.एस. सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया है। कृषि विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि बिना एस.एम.एस. सिस्टम के कम्बाइन द्वारा धान की फसल की कटाई अवैध मानी जाएगी।
कम्बाइन में एस.एम.एस. सिस्टम लगाने से धान की कटाई के दौरान कम्बाइन द्वारा पराली के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाएंगे। पराली के छोटे टुकड़े पीछे खेत में बिखेर दिए जाते हैं जिससे किसान द्वारा आसानी से धान के अवशेषों को जमीन में मिलाया जा सकेगा। इसके बाद हैप्पी सीडर द्वारा गेहूं की बिजाई आसानी से की जा सकेगी। गौरतलब है कि कैथल को धान का कटोरा कहा जाता है। जिले में वर्तमान में करीब 1 लाख 70 हजार एकड़ में धान की रोपाई की गई है। मोटे व बारीक धान की पकाई एक साथ बड़े पैमाने पर होने के कारण कटाई के लिए मजदूर न मिलने को लेकर इसकी कटाई कम्बाइन से करवाते रहे हैं।
अब तक कम्बाइन में एस.एम.एस. सिस्टम न होने के कारण कटाई के बाद बचे धान अवशेषों को किसान आग के हवाले कर देते थे। इससे बड़े पैमाने पर पर्यावरण प्रदूषण होता है। हालांकि धान अवशेषों को आगजनी को लेकर विभाग ने कड़े जुर्माने का प्रावधान भी किया है लेकिन इसके बावजूद किसान चोरी छिपे अपने धान अवशेषों को आग के हवाले कर देते रहे हैं। अब विभाग ने इससे बचने को लेकर ही कम्बाइन में एस.एम.एस. सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया है ताकि अवशेषों में आग लगाने की नौबत ही न आए।