खेल फंड जमा न करवा निजी स्कूलों ने फेरा खिलाड़िय़ों के सपनों पर पानी

Edited By Deepak Paul, Updated: 26 Aug, 2018 03:42 PM

private schools do not deposit funds for sports

आज शिक्षा के साथ-साथ भारत का खेलों में भी डंका बज रहा है। सरकार भी खिलाडिय़ों को करोड़ों की राशि के साथ-साथ उच्च पदों पर नौकरी दे रही है। यही कारण है कि आज का युवा शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी प्राथमिकता दे रहा है लेकिन जिले में चल रही खेल...

कैथल (महीपाल): आज शिक्षा के साथ-साथ भारत का खेलों में भी डंका बज रहा है। सरकार भी खिलाडिय़ों को करोड़ों की राशि के साथ-साथ उच्च पदों पर नौकरी दे रही है। यही कारण है कि आज का युवा शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी प्राथमिकता दे रहा है लेकिन जिले में चल रही खेल प्रतियोगिता में भाग लेने से सैंकड़ों खिलाड़ी केवल इसलिए वंचित रह गए हैं क्योंकि संबंधित स्कूलों ने निर्धारित समय अवधि तक खेल फंड जमा नहीं करवाया था। हालांकि निजी स्कूलों में दाखिले के समय विद्याॢथयों से खेल के नाम पर भारी-भरकम फीस जमा कराई जाती है लेकिन खिलाड़ी जब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की वाॢषक खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जाते हैं तो उनको खेलने का इसलिए मौका नहीं मिल रहा है, क्योंकि उनके स्कूल ने खेल निधि जमा नहीं कराया है। इस वर्ष बड़ी संख्या में खिलाडिय़ों को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

गौरतलब है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने यह प्रावधान किया है कि जो निजी स्कूल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अलावा सी.बी.एस.ई. से मान्यता प्राप्त है वह खेल निधि जमा कराकर खेलों में भाग ले सकता है। ताकि हरियाणा के जो बच्चे सी.बी.एस.ई. मान्यता स्कूल में पढ़ते हैं वे भी राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर स्कूली खेलों में खेल सकें लेकिन अब खिलाडिय़ों के सामने परेशानी यह है कि स्कूलों ने खेल निधि जमा नहीं कराई, जिसके चलते कुछ खिलाड़ी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड स्कूल खेलों में भाग नहीं ले पा रहे हैं।

ये हैं नियम 
स्कूल प्रबंधक छात्रों से खेल निधि ज्यादा लेते हैं जबकि हरियाणा शिक्षा बोर्ड, स्कूलों से खेल निधि नॉर्मल जमा करता है। किसी भी स्कूल को कक्षा एक से 5वीं तक के छात्रों की स्पोटर््स फीस 5 रुपए प्रति छात्र जमा करानी होगी और फीस उस कक्षा में जितने छात्र होंगे उतने ही छात्रों की जमा होती है। कक्षा 6 से 8 वीं तक के छात्रों की 10 रुपए और 9 से 12 तक के छात्रों को 60 रुपए प्रति छात्र खेल निधि देनी होती है। यह कोई ज्यादा फीस नहीं है। यह नॉर्मल चार्ज है। फिर भी लालच में स्कूल फीस जमा नहीं कर रहे। 

आसानी के लिए निकाला रास्ता
स्कूल गेम फैडरेशन ऑफ  इंडिया से हरियाणा शिक्षा बोर्ड मान्यता प्राप्त है जबकि सी.बी.एस.ई. इसमें मान्य नहीं है। इसलिए हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने यह प्रावधान किया है कि जो स्कूल सी.बी.एस.ई. से मान्यता प्राप्त हैं प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। इससे छात्र राष्ट्रीय स्तर पर खेल सकेगा और स्पोटर््स कोटे का लाभ ले सकेगा। उस खिलाड़ी को हरियाणा खेल विभाग ग्रेडेशन स्पोटर््स सर्टीफिकेट भी देता है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के नियम के तहत खेलों में वही खिलाड़ी भाग ले सकता है जिस स्कूल की खेल निधि जमा है। 

खेलों में भाग लेने बारे सभी सरकारी व निजी स्कूलों को अवगत करवा दिया गया था तथा उन्हें खेल फं ड जमा करवाने के आदेश दिए गए थे। यदि कोई भी खिलाड़ी खेल फंड जमा न करवाने के चलते खेल प्रतियोगिता में भाग लेने से वंचित रहता है तो इसके लिए संबंधित स्कूल पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। 
 

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