मोदी सरकार गरीब किसानों को अधिकार सम्पन्न करने में लगी

Edited By Deepak Paul, Updated: 06 Jul, 2018 10:43 AM

modi government started working for poor farmers

20 मई 2014 को संसद में दिए गए अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ गरीब, किसान, गांव, मजदूर और हाशिए पर पड़े लोगों के विकास का जिक्र करते हुए देश की जनता को यह भरोसा दिलवाया था कि देश में किसानों और गरीबों के अच्छे दिन आने वाले हैं। 4...

चंडीगढ़(ब्यूरो): 20 मई 2014 को संसद में दिए गए अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ गरीब, किसान, गांव, मजदूर और हाशिए पर पड़े लोगों के विकास का जिक्र करते हुए देश की जनता को यह भरोसा दिलवाया था कि देश में किसानों और गरीबों के अच्छे दिन आने वाले हैं। 4 जुलाई को जैसे ही मोदी मंत्रिमंडल ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) में बढ़ौतरी को मंजूरी दी, तो महसूस हुआ कि मोदी सरकार के लिए गरीबी हटाओ अभियान का नारा जुमला भर नहीं है। बल्कि सरकार का फोकस गरीबों को अधिकार देना है, न कि उन्हें अधिकार पर आश्रित बनाना है। यही मोदी सरकार के परिवर्तन का मूलमंत्र है।  

किसान देश की जीवनरेखा है या यूं कहें कि देश का विकास कृ षि क्षेत्र के विकास के बिना अधूरा है। वर्ष 1970 में कृ षि क्षेत्र में वार्षिक औसत विकास दर 2.8 प्रतिशत के आस-पास स्थिर रही लेकिन 90 के दशक आते-आते जहां एक तरफ देश में आॢथक सुधारों ने जोर पकड़ा। वहीं, दूसरी तरफ कृ षि क्षेत्र में विकास दर लुढ़कती चली गई। जिसके फलस्वरूप आज भी कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों की विकास दरों में परस्पर विषमताएं बढ़ रही हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 1997-2012 के दौरान करीब अढ़ाई लाख किसानों ने अपना जीवन गंवाया क्योंकि न तो उन्हें उत्पाद का उचित मूल्य मिला, न बाजार में संरक्षण मिला और न ही आपदाओं की स्थिति में सम्मानजनक तरीके से राहत मिली। जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक 2001 और 2011 के बीच 90 लाख किसानों ने खेती करना छोड़ दिया। डबलिंग फार्मर्स इन्कम की एक रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2011 में गैर-कृषि व्यवसाय में लगे एक व्यक्ति को एक किसान की तुलना में 3.1 गुना अधिक लाभ हुआ था। एक व्यक्ति जो कृ षि मजदूर के रूप में कार्यरत था, उसकी आय एक किसान की तुलना में 60 प्रतिशत कम थी। 

इसलिए गरीबी हटाओ के नारे को सार्थक करने के लिए पहले किसान को आॢथक सम्पन्न करना जरूरी है। इसलिए, मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसलिए सरकार ने लंबे समय तक फायदा पहुंचाने वाले विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं। जिससे एक तरफ गरीब किसानों को अधिकार सम्पन्न किया जा रहा है तो दूसरी तरफ उनकी सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है। केंद्र और प्रदेश सरकार की किसान कल्याण की तमाम योजनाओं का उचित लाभ छोटे किसानों को दे रही है। पिछले 4 साल में परिवर्तन की इस पहल से व्यापक असर हुआ है। गरीबों के जीवन में गुणात्मक बदलाव ही विकास का नया एजैंडा है।  
 

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