‘सरकार की नीति से विद्यार्थियों की प्रतिभा पर विराम लग जाएगा’

Edited By Deepak Paul, Updated: 18 Mar, 2019 02:50 PM

government policy will stop students  talent

सरकार द्वारा प्रदेश में एडिड कालेजों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को टेक ओवर करने का जो प्रस्ताव लिया गया है...

कैथल (महीपाल /मित्तल): सरकार द्वारा प्रदेश में एडिड कालेजों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को टेक ओवर करने का जो प्रस्ताव लिया गया है, उसका प्रदेश के एडिड कालेजों की प्रबंधक समितियों ने एकजुट होकर कड़ा विरोध किया है। सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर आज इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय मेें वैल्फेयर एसोसिएशन ऑफ मैनेजमैंट ऑफ प्राइवेट एडिड कालेज की बैठक एडहॉक प्रधान पूर्व विधायक तेजवीर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। 

बैठक में सरकार द्वारा प्रदेश के एडिड कालेजों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को टेक ओवर करने के प्रस्ताव को लेकर गंभीरता से मंथन किया गया। बैठक में वैल्फेयर एसोसिएशन के एडहॉक प्रधान तेजवीर ने कहा कि सरकार से इस प्रस्ताव से शिक्षा, शिक्षक, विद्यार्थियों व अभिभावकों को बहुत-सी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर एसोसिएशन शीघ्र ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से भेंट करेगी और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री विद्यार्थियों, अभिभावकों व टीचिंग स्टाफ के हितों को देखते हुए अपने इस प्रस्ताव को वापस ले लेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस प्रस्ताव से शिक्षा का स्तर गिर जाएगा और शिक्षा महंगी हो जाएगी, सभी एडिड कालेज सैल्फ फाइनैंस हो जाएंगे जिससे एडिड कालेजों को सरकार से मिलने वाली अनुदान राशि मिलनी बंद हो जाएगी और इन कालेजोंं का विकास कार्य रुक जाएगा, प्राइवेट एडिड कालेजों मेें पढऩे वाले 2 लाख से भी अधिक विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग जाएगा, सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को भी नुक्सान होगा। उन्होंने कहा कि इस समय एडिड कालेजों में छात्राओं की बी.ए. कक्षा तक की फीस माफ है लेकिन सरकार की इस नीति के लागू होने से छात्राओं को प्राइवेट कालेजों में फीस भरनी पड़ेगी और उनकी शिक्षा महंगी हो जाएगी।

सरकार की इस नीति से आॢथक रूप से कमजोर परिवारों की छात्राओंं की बी.ए. तक की पढ़ाई बाधित होगी, क्योंकि माता-पिता और अभिभावक महंगी शिक्षा का खर्च वहन करने में असमर्थ हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि एडिड कालेजों में पढऩे वाले विद्यार्थी हमेशा मैरिट में आते रहे हैं और सरकार की इस नीति से एडिड कालेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की प्रतिभा पर विराम लग जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट एडिड कालेज पिछले 100 वर्षों से अपने-अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।   

प्रदेश में हैं कुल 97 एडिड कालेज
तेजवीर सिंह ने बताया कि इस समय प्रदेश के 18 जिलों में कुल 97 एडिड कालेज लगभग 2 लाख विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन 97 एडिड कालेजों में लगभग 30 कालेज केवल छात्राओंं को शिक्षा ग्रहण करवा रहे हैं और प्रदेश के सभी एडिड कालेज छात्रोंं के बेहतर भविष्य के लिए कृतसंकल्प हैं।

सरकार की इस नीति से टीचिंग स्टाफ में भी रोष
तेजवीर सिंह ने बताया कि सरकार की इस नीति को लेकर एडिड कालेजों के टीचिंग स्टाफ में भी रोष है। उन्होंने बताया कि सरकारी कालेजों में 58 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर टीचिंग स्टाफ की सेवानिवृत्ति हो जाती है, जबकि एडिड कालेजों में 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर सेवानिवृत्ति होती है। उन्होंने बताया कि राजकीय कालेजों में टीचिंग स्टाफ का तबादला हो जाता है किंतु एडिड कालेजों में टीचिंग स्टाफ का तबादला नहीं होता।

 

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