Edited By Isha, Updated: 27 Mar, 2020 01:52 PM
एक तरफ तो पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर लोगों पर टूट पड़ा और दूसरी तरफ पूरे देश में लॉकडाऊन के चलते कैथल रोड स्थित सड़क किनारे बैठे कुछ गरीब परिवारों को भूखे पेट सोना....
गुहला/चीका (गोयल) : एक तरफ तो पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर लोगों पर टूट पड़ा और दूसरी तरफ पूरे देश में लॉकडाऊन के चलते कैथल रोड स्थित सड़क किनारे बैठे कुछ गरीब परिवारों को भूखे पेट सोना पड़ रहा है लेकिन आज तक किसी भी सरकारी नुमाइंदे या सरकारी प्रशासनिक अधिकारी ने इन गरीब परिवारों की कोई सुध तक नहीं ली गई। पारिवारिक सदस्य अजय कुमार, पवन कुमार, रोहताश, राजकुमारी व गोबिंद आदि ने बताया कि वे उत्तरप्रदेश स्थित कानपुर के रहने वाले है और शुरू से ही अपना गुजारा कभी किसी शहर में, कभी कहीं खाली पड़ी जगह पर सड़क किनारे अस्थाई टैंट लगाकर कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इनका धंधा देसी दवाई आदि बेचकर अपना जीवन बसर करना है, जिससे हर रोज इनके परिवार का पालन-पोषण हो जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कहर से पहले वे आधा दर्जन परिवार मात्र हजार रुपए में अपने परिवार का गुजारा कर रहे थे, लेकिन लॉकडाऊन के चलते जहां उनकी दुकानदारी ठप्प हो गई, वहीं एक सप्ताह से न तो उन्हें रोटी मिल रही, पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा, दूध की एक बूंद नहीं मिल रही और भूखे पेट ही रोट मांगकर अपना गुजारा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पेट भर रोटी के लिए वे सरकारी या प्रशासनिक अधिकारियों की मुंह बाए बाट जोह रहे हैं कि कभी कोई आएगा और उन्हें 2 वक्त की रोटी के लिए सामग्री उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना वायरस के चलते यूं ही लॉकडाऊन रहा तो उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य या बच्चा भूख की भेंट चढ़ सकता है। परिवार के सभी सदस्यों ने सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि उनके परिवारों के लिए पेटभर भोजन के लिए कुछ ना कुछ अस्थाई प्रबंध किया जाए।
अंकल हमें रोटी नहीं तो आप बिस्कुट ही दे दो...
गरीब परिवारों के सड़क किनारे बैठे छोटे-छोटे बच्चों ने रोते हुए कहा कि अंकल हमें खाने को कुछ नहीं मिल रहा, मम्मी दूध नहीं देती, पापा कमाने नहीं जा रहे हम तो भूखे ही बैठे हैं। अंकल हो सके आप हमें रोटी नहीं दे सकते तो बिस्कुट तो दे दो। सभी परिवारों के 10 से 12 छोटे-छोटे बच्चे हैं जो पूरी तरह भूखे दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि हमें आज भी रोटी या बिस्कुट नहीं मिला तो हम मर जाएंगे।
क्या कहना एस.डी.एम. का
इस संबंध में एस.डी.एम. शशि वसुंधरा ने बताया कि इन गरीब परिवारों की मदद तो दानी लोगों द्वारा करनी चाहिए लेकिन मुझे प्रैस के माध्यम से आज ही पता चला है। मैं इन परिवारों के लिए कुछ ना कुछ मदद करने की कोशिश करूंगी।