Edited By Isha, Updated: 12 Feb, 2020 12:08 PM
हरियाणा सरकार एक तरफ तो बेरोजगारों को जैसे-तैसे रोजगार देने का दावा कर रही है लेकिन दूसरी तरफ लगभग 5 वर्षों से वार्ड-2 में स्थित सेगा प्लाट के सरकारी ट्यूबवैल पर कार्य कर रहे विक्रम...
गुहला/चीका (गोयल) : हरियाणा सरकार एक तरफ तो बेरोजगारों को जैसे-तैसे रोजगार देने का दावा कर रही है लेकिन दूसरी तरफ लगभग 5 वर्षों से वार्ड-2 में स्थित सेगा प्लाट के सरकारी ट्यूबवैल पर कार्य कर रहे विक्रम सिंह नामक व्यक्ति को बिना कोई सूचना के हटाकर उसे बेरोजगार कर दिया। विक्रम सिंह ने इस संबंध में एक शिकायत पत्र मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, गृहमंत्री अनिल विज व हरियाणा सरकार के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर उन्हें बेवजह बेरोजगार कर दिए जाने की जांच की मांग की हैं।
विक्रम सिंह ने इस संबंध में एक शिकायत पत्रकारों को देते हुए बताया कि वह सेगा प्लाट स्थित ट्यूबवैल पर पिछले 5 वर्षों से पंप आप्रेटर के पद पर कार्य कर रहा था। आरोप है कि संबंधित विभाग के एस.डी.ओ. ने उसे बिना किसी सूचना या नोटिस के नौकरी से हटाकर घर भेज दिया। विक्रम ने कहा कि उसके पास एस.डी.ओ. का यह मैसेज आया कि ट्यूबवैल के कार्यालय की चाबी दूसरे लड़के को देनी है और आपकी छुट्टी कर दी गई है।
जब उसने एस.डी.ओ. से उसकी छुट्टी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सब बातें बताने की नहीं होती। उसके ऊपर राजनीति दवाब है, इसलिए वह इसमें कुछ नहीं कर सकता। जबकि नियमानुसार उसे हटाने से पहले कुछ दिन का नोटिस देना चाहिए था ताकि वह अपने परिवार के पालन-पोषण हेतु समय रहते रोजगार का कोई प्रबंध कर लेता। उसने एस.डी.ओ. के कहने पर जब कार्यालय की चाबी नहीं दी तो एस.डी.ओ. व जे.ई. ने अपनी मर्जी से तानाशाह रवैये को अपनाते हुए ताला तोड़कर दूसरे व्यक्ति को बिठा दिया।
उन्होंने कहा कि वह सरकार में एस.सी. मोर्चा मंडल के भाजपा उपाध्यक्ष भी हैं। आरोप है कि जब एक पार्टी कार्यकत्र्ता के साथ ऐसे जबरदस्ती की जा रही है तो आम आदमी भाजपा सरकार में रोजगार की क्या उम्मीद कर सकेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में न्याय की गुहार लगाई और कहा कि यदि उसे इस मामले में न्याय नहीं मिला तो उसे आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ सकता है, जिसकी जिम्मेदारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की होगी। इस बीच वार्ड की पार्षद समता रानी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि विक्रम सिंह अपनी ड्यूटी के प्रति पूरी जिम्मेदारी से कार्य करता था लेकिन उसे हटा दिया गया है। क्यों हटाया गया इस बारे कुछ पता नहीं।