Edited By Deepak Paul, Updated: 21 Apr, 2018 03:09 PM
जिले की आबादी लगभग 14 लाख है लेकिन 21 दमकलकर्मियों के कंधे पर इस आबादी की सुरक्षा का जिम्मा है। जिले में दमकल विभाग के पास 11 गाडिय़ां हैं लेकिन इन गाडिय़ों को चलाने के लिए स्टाफ की भारी कमी है। कच्चे कर्मचारियों के सहारे दमकल की गाडिय़ां दौड़ रही हैं।...
जींद(ललित): जिले की आबादी लगभग 14 लाख है लेकिन 21 दमकलकर्मियों के कंधे पर इस आबादी की सुरक्षा का जिम्मा है। जिले में दमकल विभाग के पास 11 गाडिय़ां हैं लेकिन इन गाडिय़ों को चलाने के लिए स्टाफ की भारी कमी है। कच्चे कर्मचारियों के सहारे दमकल की गाडिय़ां दौड़ रही हैं। रात-दिन दमकल विभाग के कर्मचारी पसीना बहाकर किसान के पीले सोने को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। दमकल विभाग पिछले कुछ समय से सरकार से स्टाफ की भी मांग कर रहा है ताकि सभी गाडिय़ों से आपात स्थिति में आग पर काबू पाने के लिए पर्याप्त स्टाफ मौजूद रहे। फायरब्रिगेड विभाग में स्टाफ की कमी पिछले कई सालों से है। अब विभाग ने भर्ती को लेकर प्रक्रिया शुरू की है। स्टाफ कमी के चलते किसानों की फसल पर खतरे के बादल मंडराते रहते हैं। यदि जरूरत पड़ती है तो आस-पास के जिलों से भी दमकल विभाग की गाडिय़ां मंगवाई जाती हैं।
शहर के बाजारों में सुरक्षा रामभरोसे
जींद शहर में आगजनी की घटना के बाद लोगों की सुरक्षा रामभरोसे है। कारण यह है कि लोगों ने बाजारों की गलियों को इतना तंग बना दिया है कि यहां पर दमकल विभाग की गाड़ी पहुंच पाना मुश्किल है। पिछले दिनों हनुमान गली में एक निजी कम्पनी के टावर में आग के बाद यहां पर दमकल विभाग की गाड़ी को मौके पर पहुंचने में भारी परेशानी उठानी पड़ी थी। शहर के बाजारों में भले ही हाईकोर्ट के आदेश के बाद शहर को खुला करवा दिया गया हो लेकिन बिजली निगम के चलते तारें काफी नीचे तक लटकी हुई हैं।
यह कहते हैं जिला अग्निशमन अधिकारी
जिला फायर अधिकारी याशिन खान ने कहा कि भले ही दमकल विभाग में स्टाफ की कमी हो लेकिन कर्मचारी पूरी मेहनत और ईमानदारी से किसानों का सोना बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। रात-दिन कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। गेहूं के सीजन में आग की ज्यादा घटनाएं होती हैं, इसी को देखते हुए फायर विभाग के कर्मचारियों को हर समय अलर्ट रहने के आदेश जारी किए गए हैं।
2 ब्लाक में नहीं दमकल विभाग की गाड़ी
जिले के पिल्लूखेेड़ा और अलेवा खंड में तो फायरब्रिगेड की एक भी गाड़ी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अलेवा में खेतों में खड़ी गेंहू की फसल में आग लग जाने की सूरत में जींद से फायरब्रिगेड बुलानी पड़ती है या फिर असंध से फायरब्रिगेड पहुंचती है। इसके अलावा पिल्लूखेड़ा में इस तरह की स्थिति पैदा होने पर सफीदों से फायरब्रिगेड की मदद लेनी पड़ती है या फिर जींद से फायरब्रिगेड की गाड़ी जाती है। जींद से अलेवा की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है जबकि पिल्लूखेड़ा की दूरी 20 किलोमीटर है। कुल मिलाकर आग लगने की सूरत में 15 से 20 मिनट में फायरब्रिगेड की गाड़ी आसानी से घटनास्थल तक पहुंच जाती है।
गाडिय़ों की संख्या के अनुसार 70 कर्मियों की जरूरत
जिला अग्रिशमन विभाग में गाडिय़ों की संख्या के अनुसार लगभग 70 से ज्यादा कर्मचारियों की कमी है। आग लगने की स्थिति में कम कर्मचारियों के सहारे ही गाडिय़ां दौड़ानी पड़ती हैं। रात हो या दिन हर समय कच्चे और पक्के कर्मचारी किसान और आमजन की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर हैं। जींद जिले में गाडिय़ों के अलावा स्टाफ की जरूरत है।