इसे कह​ते हैं समाज सेवा की अनूठी पहल,जिसने बदली गांव की सूरत

Edited By Updated: 10 Dec, 2015 07:29 PM

his is a unique initiative of community service which changed the face of the village

समाज सेवा का जज्बा कई बार जुनून में बदल जाता है। जब यह जुनून में बदल जाता है तो परिणाम बेहद शानदार

जींद,(सुनील मराठा) : समाज सेवा का जज्बा कई बार जुनून में बदल जाता है। जब यह जुनून में बदल जाता है तो परिणाम बेहद शानदार रहते हैं। पूरे समाज को इसका फायदा मिलता है। ऐसा ही कुछ हुआ है जींद-गोहाना मार्ग पर जींद जिले के अंतिम गांव भंभेवा में। गांव के एक समाज सेवी युवक ने समाज सेवा की अपनी भावना से पूरे गांव की सूरत ही बदल दी है। कुछ महीने पहले तक जिस गांव में गलियों में गंदगी का साम्राज्य था,आज वही गांव चकाचक साफ नजर आ रहा है। 

जींद-गोहाना मार्ग पर जींद से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित भंभेवा जींद जिले का अंतिम गांव है। लगभग 5 हजार की आबादी वाले इस गांव में कुछ महीने पहले गलियों में गंदगी का साम्राज्य था। हर समय गांव की गलियों में कीचड़ और गंदा पानी जमा रहता था। भले ही पंचायत ने गांव में नालियों की सफाई के लिए दो सफाई कर्मचारी नियुक्त किए हुए हैं, लेकिन वे गंदगी के साम्राज्य को वह समाप्त नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में गांव के समाज सेवी युवा कुलदीप भंभेवा ने गांव को साफ-सुथरा बनाने का बीड़ा उठाया। कुलदीप ने स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी है,के मूलमंत्र से प्रेरणा लेते हुए अपने गांव को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने के लिए अपने स्तर पर गांव में गलियों और दूसरे सार्वजनिक स्थानों की सफाई के लिए 12 सफाई कर्मचारियों को सफाई के काम पर लगाया। उन्होंने लगभग 6 महीने पहले गांव को साफ-सुथरा बनाने का संकल्प लिया था और इस संकल्प के तहत ही गांव में 12 सफाई कर्मचारी गांव में सफाई के काम में लगाए गए। यह सफाई कर्मचारी पूरे गांव में हर रोज सफाई का काम करते हैं। गांव की गलियों में झाडू लगाकर उन्हें साफ करने से लेकर गंदे पानी और कीचड़ को साफ करने तक का सारा काम यह सफाई कर्मचारी करते हैं। 

इसके अलावा गांव की चौपालों,सरकारी स्कूल और दूसरे सार्वजनिक स्थानों, जिनमें गांव का मंदिर भी शामिल है,की सफाई हर रोज नियमित रूप से करवाई जा रही है। गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र में भी यही कर्मचारी सफाई का काम करते हैं। 

6 महीने में बदल गई भंभेवा की सूरत
भंभेवा गांव में समाज सेवी कुलदीप भंभेवा की इस अनूठी पहल का नतीजा है कि 6 महीने में भंभेवा की सूरत पूरी तरह बदल गई है। 6 महीने पहले जहां गांव में जगह-जगह गंदगी पसरी रहती थी, अब गलियां साफ-सुथरी नजर आ रही हैं। पहले गांव में हालत यह थी कि गलियों में गंदगी के कारण पैदल चलना मुश्किल हो जाता था। रात के समय तो गांव की गलियों से गंदगी के मारे लोग निकल नहीं पाते थे। अब हालत यह है कि गांव की गलियों में गंदगी, कीचड़ और गंदा पानी तलाशने से भी नजर नहीं आता है। 
स्टेडियम का करवाया था सुधार
समाज सेवी कुलदीप भंभेवा ने कई साल पहले अपने स्तर पर गांव के खेल स्टेडियम का भी सुधार करवाया था। उस समय गांव में स्टेडियम के नाम पर केवल एक मैदान था, जिसकी चारदीवारी तक नहीं थी। कुलदीप ने गांव के नवोदित खिलाडिय़ों के लिए खेल मैदान की चारदीवारी और गेट का निर्माण करवाया। इसके अलावा भी वह गांव के नवोदित खिलाडिय़ों की खेल की किट आदि से लेकर हर तरह मदद करते रहते हैं। हाल में उन्होंने गांव के खिलाडिय़ों को जिम आदि का सामान भी उपलब्ध करवाया था। कुलदीप का कहना है कि इसके लिए शहीदे आजम भगत सिंह उनके प्रेरणा स्रोत और रोल मॉडल रहे हैं। स्वच्छता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से भी उन्हें अपने गांव को साफ-सुथरा बनाने की प्रेरणा मिली।

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