गेहूं उत्पादकों के माथे पर बढ़ीं चिंता की लकीरें

Edited By Updated: 05 Jan, 2016 02:36 PM

wheat producers increased worry lines on the forehead

मौसम की मार पड़ने से किसान चिंति​त है। दिसबंर से लेकर फरवरी तक मौसम सर्दी का होता है। दिसंबर मे घना

 हिसार  (दिनेश भारती ): मौसम की मार पड़ने से किसान चिंति​त है। दिसबंर से लेकर फरवरी तक मौसम सर्दी का होता है। दिसंबर मे घना कोहरा पड़ता था,लेकिन अबकी बार कुछ दिन ही कोहरा पड़ा था,जबकि अब जनवरी लगते ही किसी प्रकार का कोहरा नहीं पड़ा है। इससे किसानों के माथे की लकीरें फिर से बढ़ गई हैं। अगर अब गेहूं के सीजन मे कोहरा ना पड़ा तो गेहूं की फसल की पैदावर कम होगी। किसानों का कहना है कि धुंध ना पड़ने से गेहूं के पौधे की बढवार नहीं हो रही है उसके पौधे में फुटाव नहीं हो रहा है । 

कृषि अधिकारी कृष्ण कुमार का कहना है कोहरा ना पड़ने से गेहूं की पैदावर कम होगी। कोहरा या धुंध से गेहूं के पौधों में पानी की कमी पूरी हो जाती है। इसके साथ साथ नाइट्रोजन की कमी को पूरा कर उसकी पैदावार बढाने मे अहम योगदान होता है। धुंध इसके लिए एक अति आवष्यक तत्व है। कृषि अधिकारी ने किसानों को सलाह दी है कि जब तक धुंध ना पड़े तब तक अपनी फसलों मे पानी लगाते रहे हैं।

 

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