Edited By Rakhi Yadav, Updated: 31 Oct, 2018 11:43 AM
लखनऊ में वर्ष 2014 में प्रैस कांफ्रैंस कर दलितों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में हिसार की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन की अदालत में चल रहे मामले में जारी नोटिस के बाद मंगलवार को बाबा रामदेव के वकील अदालत ....
हिसार/हांसी(पंकेस/विमल): लखनऊ में वर्ष 2014 में प्रैस कांफ्रैंस कर दलितों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में हिसार की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन की अदालत में चल रहे मामले में जारी नोटिस के बाद मंगलवार को बाबा रामदेव के वकील अदालत में पेश हुए। उनके वकील लाल बहादुर खोवाल व अजय गुलाटी ने उनकी तरफ से वकालतनामा पेश किया।
इससे पहले 5 अक्तूबर को शिकायतकर्ता रजत कल्सन ने रामदेव के खिलाफ एक रिवीजन याचिका हिसार सत्र न्यायाधीश की अदालत में दायर की थी जिस पर हिसार के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन ने 5 अक्तूबर को रामदेव को नोटिस जारी किया था। जिसकी अगली तारीख 22 अक्तूबर को रामदेव या उसकी तरफ से कोई वकील अदालत में पेश नहीं हुए। जिस पर अदालत ने निचली कोर्ट का रिकॉर्ड अदालत में तलब कर दिया था। आज इस बारे में अदालत में सुनवाई थी जो कि बाबा रामदेव की तरफ से उनके दोनों अधिवक्ताओं ने अदालत में पेश होकर अपना वकालतनामा दिया।
अब इस मामले में अदालत ने 26 नवम्बर की तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की हैै। गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2014 को बाबा रामदेव ने लखनऊ में प्रैस कान्फ्रैंस कर राहुल गांधी पर कटाक्ष करते वक्त दलितों के खिलाफ भी एक आपत्तिजनक व अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी जिस बारे में शिकायतकर्ता ने 26 अप्रैल 2014 को बाबा रामदेव के खिलाफ हिसार के एस.पी. को शिकायत दी थी।
जिस पर कोई शिकायतकर्ता रजत कल्सन ने हांसी सब-डिवीजनल ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट की अदालत में एक फौजदारी केस 2 जून 2014 को दायर कर दिया था, जो गत 24 जुलाई को सब-डिवीजनल ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट हांसी की अदालत ने तकनीकी कारणों से खारिज कर दिया था, हालांकि ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट हांसी की अदालत ने यह माना है कि बाबा रामदेव का विवादित बयान एक जाति विशेष को नीचा दिखाने वाला था।