Edited By Isha, Updated: 05 Jun, 2019 11:30 AM
शातिर ठग तकनीक का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन व ए.टी.एम. के साथ छेड़छाड़ करके लोगों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। पिछले 3 महीनों में ऑनलाइन व बैंक से पैसे
हिसार (रमनदीप): शातिर ठग तकनीक का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन व ए.टी.एम. के साथ छेड़छाड़ करके लोगों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। पिछले 3 महीनों में ऑनलाइन व बैंक से पैसे ट्रांसफर करके ठगी के कुल 38 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं। लाखों रुपए की ठगी के इन मामलों में पुलिस एक भी मामले को सुलझा नहीं पाई है। इनमें से कई ऐसे भी मामले में जिनमें पुलिस ने केस को दर्ज करने में ही 3 महीने से ज्यादा का समय ले लिया। लगातार बढ़ रहे ठगी के मामलों पर पुलिस के आला अधिकारी भी सतर्क रहने की हिदायत देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
फ्रॉड साबित होने पर बैंक को करना होता है भुगतान
आर.बी.आई. के निर्देशानुसार ग्राहक की जमापूंजी सुरक्षित रखना बैंक का दायित्व है। ए.टी.एम. के साथ छेड़छाड़ या क्लोन करके अगर राशि निकाली गई है तो 3 दिन के अंदर इस बारे में पुलिस को शिकायत देकर बैंक को सूचित कर दें। अगर यह साबित हो जाता है कि फ्रॉड के जरिए पैसे निकाले गए हैं तो बैंक को 10 दिन के अंदर राशि ग्राहक को वापस करनी पड़ेगी। अगर ग्राहक द्वारा ओ.टी.पी. शेयर किया गया है तो बैंक की जिम्मेदारी नहीं बनती।
पूर्वी भारत से चलता है ठगी का नैटवर्क
ऑनलाइन ठगी के ज्यादातर मामलों में सामने आया है कि यह पूर्वी भारत के बंगाल, उड़ीसा, झारखंड आदि जगहोंं से ऑपरेट किए जाते हैं। जब पुलिस जांच करने वहां जाती है तो ठगी में इस्तमाल नंबर भी फर्जी पते का मिलता है। इसी वजह से इस मामलों को ट्रेस नहीं किया जा सकता। मध्यप्रदेश पुलिस ने 3 महीने पहले ऐसे ही ठगी के मामलों में प्रयोग किए जाने वाले 6 हजार से भी ज्यादा एक्टिवेट सिम बरामद किए थे।
बचा जा सकता है इन सावधानियों से
- स्नअपना बैलेंस हर रोज चैक करते रहें।
- मोबाइल बैंङ्क्षकग व अलर्टस से जुड़े रहें स्नए.टी.एम. में अपना पासवार्ड डालते समय दूसरे हाथ से छुपा लें, किसी को भी अपना पासवर्ड न बताएं, ट्रांजक्शन के लिए बैंक की तरफ से मिलने वाला ओ.टी.पी. किसी को न बताएं।
- स्नट्रांजक्शन करते समय किसी अनजान की मदद न लें, ध्यान रखें की ए.टी.एम. बाक्स में आपके इलावा कोई और न हो।
- स्नअगर आपकी ट्रांजक्शन पूरी नहीं हुई है तो बिना कैंसिल किए हुए बाहर न आए, इसके अलावा कार्ड किसी अनजान को न पकड़ाए हो सकता है आपका कार्ड बदल दिया जाए। स्नए.टी.एम. के जरिए खरीदारी करते समय किसी को पिन बताने की बजाय मशीन पर आप खुद पासवर्ड दर्ज करें, पासवर्ड को हर महीने या सप्ताह बदलने का प्रयत्न करें
मामले जो अभी तक सुलझे नहीं
- लाजपत नगर वासी केवल राम के खाते से 63 हजार निकाले।
- सैक्टर 14 वासी संतराम के खाते से 98 हजार निकाले।
- दर्शना नरवाल के खाते से निकाले सवा लाख रुपए।
- प्रभजोत ङ्क्षसह के खाते से निकाले 48 हजार रुपए।
- संदीप कुमार के खाते से निकाले 40 हजार रुपए।
- सैक्टर 14 वासी गौरव के खातेे से 27 हजार की ठगी।
- हरिता के राजेंद्र के खाते से 25 हजार की ठगी।
- मॉडल टाउन वासी अतुल के खाते से 16 हजार निकाले
- प्रशांत व नवीन चंद्रा के खाते से 60 हजार की ठगी।
- मनोज अरोड़ा के खाते से 20 हजार निकाले।
- ह्म्मितेश के खाते से उड़ाए 15 हजार रुपए।