Edited By Shivam, Updated: 11 Jan, 2019 05:46 PM
योगा में नाम कमाने व मेहनत के दम पर मेडल लेने वाले खिलाडिय़ों के भविष्य पर अब तलवार लटक गई है। योगा खिलाड़ी चाहे कितनी भी मेहनत करें या मेडल जीतें, लेकिन सरकार अब उन्हें नौकरी नहीं देने वाली, क्योंकि सरकार ने खेलनीति से...
भिवानी(अशोक): योगा में नाम कमाने व मेहनत के दम पर मेडल लेने वाले खिलाडिय़ों के भविष्य पर अब तलवार लटक गई है। योगा खिलाड़ी चाहे कितनी भी मेहनत करें या मेडल जीतें, लेकिन सरकार अब उन्हें नौकरी नहीं देने वाली, क्योंकि सरकार ने खेलनीति से योगा को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिस कारण अब योगा के खिलाडिय़ों के भविष्य पर तलवार लटक गई है।
वहीं इस दर्द को लिए भिवानी के योगा प्लेयरों अपना दुख मीडिया के समक्ष पेश किया। खिलाडिय़ों ने अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुहार लगाने की बात कही है, उनका कहना है कि प्रदेश सरकार की गलत नीति के कारण उनका भविष्य अंधकार मय हो गया है। भिवानी में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में सैकड़ों खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने इस खेल में ना केवल प्रदेश का बल्कि देश का नाम रोशन किया है।
योगा प्लेयर पिंकी घणघस ने योगा की शुरुआत बचपन से की थी तथा अब लगभग 20 वर्ष बीत चुके हैं, वह यहीं खेल खेलती आ रही हैं। उसने इंटरनेशनल स्तर की विभिन्न प्रतियोगिताओं कई गोल्ड मेडल जीत देश के नाम किया है। आज वही खिलाड़ी सरकार की नीतियों से परेशान है। खिलाडिय़ों ने बताया कि गत दिवस उन्होंने प्रदेश के खेल मंत्री से मुलाकात भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि उन्हें वहां से यह कह लौटा दिया गया कि वे अपने खेल ही बदल लें।