अव्यवस्थाओं के चलते दम तोड़ गई योग शिक्षा योजना

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 20 May, 2018 09:41 AM

yoga education plan due to dislikes

पूर्व सरकार द्वारा स्कूलों में योग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई योजना 9 साल के बाद भी अव्यवस्थाओं के चलते सिरे नहीं चढ़ पाई....

महेन्द्रगढ़(जगदीश): पूर्व सरकार द्वारा स्कूलों में योग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई योजना 9 साल के बाद भी अव्यवस्थाओं के चलते सिरे नहीं चढ़ पाई और शुरूआती दौर में ही दम तोड़ गई। विद्यार्थियों को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से वर्ष 2009 में योग को अनिवार्य रूप से लागू करने कि योजना बनाई और वर्ष 2009-10 में शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों योग की नियमित कक्षाएं लगाने के निर्देश जारी किए थे।

उस समय शैक्षणिक सत्र आरंभ होते वक्त प्रारंभ में कुछ स्कूलों में पी.टी.आई. के माध्यम से प्रार्थना सभा के समय तो कभी खेल के पीरियड में कुछ दिन तक योग कराए गए बाद में धीरे-धीरे यह केवल सिलेबस तक ही सिमट कर रह गया।

आज हालात यह है कि स्कूलों में अनिवार्य की गई योग की शिक्षा व्यावहारिक कम किताबी ज्यादा बनकर रह गई है। अनिवार्य योग शिक्षा करने के 9 साल बाद भी स्कूलों में योग की न तो कक्षाएं लगती हैं और न ही विद्यार्थियों को कोई प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि विभाग की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।  
 
 
 

 
 

 


 

 

 


 
 

 

 

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