योग एवं व्यायामशाला योजना, स्वामी रामदेव के ड्रीम प्रोजैक्ट पर लगा ग्रहण

Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Jan, 2018 11:57 AM

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खट्टर सरकार की तमाम कवायद के बाद भी योग गुरु स्वामी रामदेव का ड्रीम प्रोजैक्ट योग एवं व्यायामशाला सिरे नहीं चढ़ सका। हालांकि इस बाबत बीते साल 2017 में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अलग-अलग विभागों के अफसरों के साथ करीब एक दर्जन बार बैठकें...

चंडीगढ़(धरणी):खट्टर सरकार की तमाम कवायद के बाद भी योग गुरु स्वामी रामदेव का ड्रीम प्रोजैक्ट योग एवं व्यायामशाला सिरे नहीं चढ़ सका। हालांकि इस बाबत बीते साल 2017 में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अलग-अलग विभागों के अफसरों के साथ करीब एक दर्जन बार बैठकें की लेकिन मामला ज्यों का त्यों बना हुआ है। कुछ इसी तरह से मोरनी में हर्बल फॉरेस्ट पार्क बनाने का मामला भी अफसरशाही की फाइलों में अटक गया है। स्वामी रामदेव के इस प्रोजैक्ट के सिरे नहीं चढऩे से प्रदेश में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। रामदेव के साथ जुड़े कई मंत्रियों का कहना है कि ऐसी योजनाओं को तो तुरंत प्रभाव से शुरू होना चाहिए था। खैर, विभाग कोई भी हो लेकिन इन प्रोजैक्टों के शुरू होने में अभी लंबा वक्त लग सकता है।

हरियाणा के ग्रामीण युवाओं को योग और व्यायाम की ट्रेनिंग देने के लिए स्वामी रामदेव के फार्मूले पर खट्टर सरकार ने प्रदेश भर में 1000 योग एवं व्यायामशाला खोलने का निर्णय लिया था। इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री खट्टर ने हरियाणा के दौरे पर आए योग गुरु स्वामी रामदेव के समक्ष की थी। इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी पंचायत विभाग को दी गई। इसके लिए तय प्रारूप में हर विधानसभा स्तर पर 10-10 योग एवं व्यायामशाला बनाने की बात कही गई। इसके लिए खेल विभाग की ओर से योग शिक्षक नियुक्त करने की पहल शुरू हुई लेकिन वह भी कागजों में अटक गई। बताया गया कि योगशालाओं के निर्माण के लिए सरकार ने बजट में राशि का भी प्रावधान कर दिया था लेकिन अफसरों की वजह से मामला फाइनल नहीं हो सका। बताया गया कि 1000 योग एवं व्यायामशालाओं में से सिर्फ सिरसा में ही एक योगशाला बनकर तैयार हो पाई है

व्यायामशाला नहीं बनने से आहत हैं विज
हरियाणा सरकार के योग ब्रांड एम्बैसेडर स्वामी रामदेव के ड्रीम प्रोजैक्ट सिरे नहीं चढऩे से खेल मंत्री अनिल विज आहत हैं। विज का कहना है कि यदि उनके विभाग से योग एवं व्यायामशाला का निर्माण होना होता तो अब तक हो जाता। विज ने कहा कि योग शिक्षक नियुक्त करने की जिम्मेदारी उनके विभाग की है जिसके लिए प्रक्रिया चल रही है लेकिन यदि व्यायामशालाओं का निर्माण नहीं होता तो शिक्षक क्या काम करेंगे। विज ने अपरोक्ष तौर से अपनी सरकार के काम करने की स्थिति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे कार्यों में इतना समय नहीं लगना चाहिए। विज ने कहा कि मोरनी में बनने वाला हर्बल फॉरेस्ट पार्क भी सरकारी उपेक्षा का शिकार हुआ है। बता दें कि इस मामले में पतंजलि के मुखिया आचार्य बालकृष्ण भी सरकार की नीतियों से आहत हैं।
 

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