Edited By Shivam, Updated: 28 Jul, 2018 08:53 PM
पहाड़ी क्षेत्रों में खासकर हिमाचल प्रदेश में गुरूवार से लगातार हो रही बारिश के कारण हथनी कुंड बैराज से 6 लाख पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना के किनारे वाले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। वहीं पानीपत का गांव रहीम पुर खेड़ी जो...
पानीपत(अनिल कुमार): पहाड़ी क्षेत्रों में खासकर हिमाचल प्रदेश में गुरूवार से लगातार हो रही बारिश के कारण हथिनी कुंड बैराज से 6 लाख पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना के किनारे वाले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। वहीं पानीपत का गांव रहीमपुर खेड़ी जो यमुना के किनारे बसा है। यहां हजारों एकड़ फसल जलमग्र हो गई है। गांव का संपर्क भी राज्य से टूट गया है, जिस कारण ग्रामीणों ने मुसीबत बढऩे के खतरे का अनुमान लगाते हुए इंजन बोट मशीन की मांग की है।
गौरतलब है कि यमुनानगर में हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में 6 लाख पांच हजार क्यूसेक पानी शनिवार की शाम 6 बजे तक छोड़ा गया था। यह आंकड़ा शनिवार के दिन भर में लगातार बढ़ा था। वहीं शाम सात बजे तक पानी कुछ कम होकर 5 लाख 63 हजार क्यूसेक पर आया, लेकिन बाढ़ आने का खतरा बराबर बना हुआ है क्योंकि बाढ़ आने का जोखिम सिर्फ तीन लाख क्यूसेक पानी तक सामान्य रहता है, अन्यथा इस मानक से उपर का पानी बाढ़ के खतरे को दर्शाता है।
हरियाणा में हाई अलर्ट: यमुना का जलस्तर छ: लाख क्यूसेक के पार, आ सकता है भारी प्रलय
यमुना नदी की हालिया स्थिति देखी जाए तो नदी में करीब पांच लाख क्यूसेक के उपर ही पानी है, जो कि बाढ़ के खतरे की निशानी है। हालांकि भविष्य में होने वाली किसी भी आपदा से बचाव के लिए विभाग ने आर्मी, एयरफोर्स और एनडीआरएफ को सूचित कर दिया है, और पूरी तरह से सचेत है। वहीं प्रशासन ने बढ़ते जलस्तर को देखते हुए हरियाणा के निचले इलाकों में हाई अलर्ट घोषित किया हुआ है।