Edited By Shivam, Updated: 24 Nov, 2018 03:37 PM
हमारे तो खून में ही पहलवानी है और मैं देश की बड़ी पहलवान बनकर दिखाउंगी। ये जज्बा और जोश और आत्मविश्वास है बहादुरगढ़ की बेटी कोमल दलाल का। कोमल ने 53 वीं स्कूल स्टेट कुश्ती प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है। सोनीपत में हुई कुश्ती प्रतियोगिता...
बहादुरगढ़(प्रवीण धनखड़): हमारे तो खून में ही पहलवानी है और मैं देश की बड़ी पहलवान बनकर दिखाउंगी। ये जज्बा और जोश और आत्मविश्वास है बहादुरगढ़ की बेटी कोमल दलाल का। कोमल ने 53 वीं स्कूल स्टेट कुश्ती प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया है। सोनीपत में हुई कुश्ती प्रतियोगिता में 59 किलो वजन की प्रतिस्पर्धा में करते हुए कोमल ने स्वर्ण पदक हासिल किया।
कुश्ती से पहले कोमल कबड्डी खेलती थी लेकिन जब मन नहीं लगा तो कुश्ती शुरू कर दी और महज डेढ़ साल में ही स्टेट चैम्पियन बन गई है। कोमल का कहना है कि 4 दिसम्बर को होने वाले नेशनल कुश्ती में भी वो स्वर्ण पदक ही जीतेगी। कोमल का कहना है कि स्कूल के निदेशक राकेश कोच के प्रोत्साहन पर ही वो इस मुकाम तक पहुंच पाई है। कोमल शहर के मॉर्डन स्कूल की छात्रा है। इसी स्कूल की दो अन्य छात्राओं ने बॉक्सिंग में रजत और कांस्य पदक भी हासिल किया है।
इंटर स्कूल स्पोर्टस एंड गेम्स कम्पिटीशन में वर्षा ने कांस्य पदक और गीतू ने रजत पदक हासिल किया है। गीतू ने बताया कि उनका भाई बॉक्सर है और उसे देखकर ही उसने बॉक्सिंग को चुना। शुरूआत में थोड़ी असफलताएं हाथ लगी, लेकिन उस हार ने उसे और मजबूत बनाया। जिसके दम पर आज वो रजत पदक जीत पाई है। वर्षा और गीतू बॉक्सर मैरिकोम को अपना आदर्श मानती हैं और उन जैसा ही बनना चाहती हैं।
वहीं मेडल जीतकर स्कूल लौटी तीनों पदक विजेता छात्राओं का स्कूल में जोरदार स्वागत किया गया। तीनों छात्राओं को फूल और नोटों की मालाएं पहनाकर सम्मानित भी किया गया।