Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 03 May, 2018 03:38 PM
भिवानी में एस बार मजदूर दिवस मजदूरों के लिए कोई नई सौगात नहीं बल्कि मौत का काल लेकर आया है। यहां एक के बाद एक हफ्ते में मजदूरों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक मई को जहां 2 मजदूरों की सीवर में फंसने से मौत हो गई, वहीं आज एक प्रवासी...
भिवानी(अशोक भारद्वाज): भिवानी में एस बार मजदूर दिवस मजदूरों के लिए कोई नई सौगात नहीं बल्कि मौत का काल लेकर आया है। यहां एक के बाद एक हफ्ते में मजदूरों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक मई को जहां 2 मजदूरों की सीवर में फंसने से मौत हो गई, वहीं आज एक प्रवासी मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई। युवक की अगले महीने शादी थी लेकिन उससे पहले ही वह हादसे का शिकार हो गया।
मूल रूप से यूपी के झांसी जिला निवासी कुछ मजदूर एक सप्ताह पहले ही भिवानी आए थे। वे सेक्टर-23 में एक मकान के निर्माण कार्य में लगे हुए थे। वीरवार को मोहन (22) जैसे ही निर्माण कार्य के लिए बिजली की मोटर चलाने गया तो वह करंट की चपेट में आ गया। जिसके कारण वह झटके से पास के पानी के होद में गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल भिजवा दिया है। मामले की जांच कर रहे एसआई राम अवतार ने बताया कि मृतक मोहन के पिता लक्ष्मी प्रसाद के बयान पर इत्तफाकिया मौत का मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
भिवानी में तीन दिनों में तीन मजदूरों की मौत अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करती है। एक मई को हादसे का शिकार हुए दोनों मजदूर स्थानीय होने के चलते परिजनों व मजदूर नेताओं ने हंगाम कर प्रशासन से पीडि़त परिजनों को 25-25 लाख रुपए व एक-एक नौकरी का मरहम लगवाया, लेकिन मोहन प्रवासी होने के चलते उसे परिजन शायद इस मरहम से भी महरूम रह गए। ऐसे में जागरुकता व सुरक्षा की जरुरत है जिसमें प्रशासन, ठेकेदार व खुद मजदूर अहम रोल अपना कर हर रोज होते हादसों को रोक सकते हैं।