हरियाणा में मतदान के प्रति महिलाएं दिखाती रही हैं बेरुखी

Edited By Shivam, Updated: 13 Apr, 2019 11:52 AM

women are showing disrespect to voting in haryana

हरियाणा में महिला मतदाताओं की संख्या में भले ही सालों-साल बढ़ौतरी दर्ज की जा रही है परंतु राजनीति में यहां की महिलाओं की दिलचस्पी कम ही रही है। पिछले करीब छह दशक का रिकार्ड बताता है कि 63 सालों में हरियाणा में मात्र 80 महिलाएं लोकसभा सीटों पर...

चंडीगढ़ ( अर्चना सेठी) : हरियाणा में महिला मतदाताओं की संख्या में भले ही सालों-साल बढ़ौतरी दर्ज की जा रही है परंतु राजनीति में यहां की महिलाओं की दिलचस्पी कम ही रही है। पिछले करीब छह दशक का रिकार्ड बताता है कि 63 सालों में हरियाणा में मात्र 80 महिलाएं लोकसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के लिए सामने आईं। राजनीति से महिलाओं की बेरुखी का कारण यह भी कहा जा सकता है कि इन 80 महिलाओं में से केवल 6 कुमारी शैलजा, कैलाशो देवी, सुभद्रा जोशी, चंद्रावती, श्रुति चौधरी और सुधा यादव चुनाव जीत सकीं।

हालांकि इनमें कुछ अपने प्रभाव के बूते एक से ज्यादा बार चुनाव जीत गईं लेकिन यह स्थिति बताती है कि हरियाणा के मतदाता अपने लोकसभा क्षेत्र की कमान पुरुषों के हाथ में देना ही ज्यादा ठीक समझते रहे हैं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इस फैसले में पुरुषों के वोट की ही भूमिका खास रही है, क्योंकि महिलाएं चुनाव के दिन मतदान के लिए ही नहीं निकलतीं। हरियाणा चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो बीते लोकसभा चुनावों में 2237768 महिलाओं ने खुद को मतदान से दूर रखा। पिछले लोकसभा चुनाव का मतदान रिकार्ड कहता है कि मतदान न करने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 1967 के चुनाव में मतदान न करने वाली महिलाओं की संख्या 6,28,644 थी, जो बढ़ते-बढ़ते 8 लाख से 13 लाख, फिर 17 लाख से 22 लाख से अधिक का आंकड़ा छू गई।

आंकड़े बताते हैं यह कड़वा सच
आंकड़े कहते हैं कि बीते लोकसभा चुनाव वर्ष 2014 के दौरान हरियाणा से 7380686 महिलाएं मतदान के लिए रजिस्टर की गई थीं, जबकि मतदान सिर्फ 5142918 महिलाओं ने ही किया। 2,237,768 महिलाएं मतदान के लिए घर से बाहर नहीं निकलीं। तब हरियाणा के 6,350,299 पुरुषों ने लोकसभा सीटों के लिए अपना वोट डाला। वर्ष 2009 के दौरान हरियाणा से 5496756 महिलाओं को मतदान के लिए रजिस्टर किया गया था, जबकि चुनाव के दिन महज 3,619,042 महिलाएं मतदान कर सकीं।

बाकी 1,877,714 महिलाओं ने खुद को चुनाव से दूर रखा। वर्ष 2004 के दौरान हरियाणा में 5659926 वोटर महिलाएं थीं, जबकि वोट महज 3554361 महिलाओं ने ही दिया, जबकि 2105565 महिलाओं ने खुद को मतदान से दूर रखा। वर्ष 1999 में राज्य की 5023575 महिला वोटर रजिस्टर की गई थीं, जबकि चुनाव में मतदान सिर्फ 2927158 महिलाएं ही कर सकीं। 2096417 महिलाओं ने लोकतांत्रिक अधिकार से खुद को दूर रखा। तब राज्य के 4102806 पुरुषों ने मतदान किया था। 

अब महिलाओं को जिला प्रशासन कर रहा जागरूक 
हरियाणा के ज्वाइंट चीफ इलैक्टोरल ऑफिसर डा. इंद्रजीत का कहना है कि महिलाओं को मतदान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पात्र महिलाओं को वोट बनवाने के लिए भी कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत सी महिलाएं अपना वोट बनवाने से भी गुरेज करती हैं। इस बार जिला प्रशासन को विशेष हिदायतें जारी की गई हैं कि महिलाओं को मत और मतदान का महत्व समझाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। विभिन्न जिलों में इसके लिए वैन भेजी जा रही हैं। कई कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं।

आंगनबाड़ी वर्कर्स के अलावा शिक्षण संस्थाओं को भी मतदान जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई स्टूडैंट 18 साल की हो गई है परंतु उसके पास उससे संबंधित प्रमाण पत्र नहीं है तो अगर संस्थान के प्रभारी लिखकर दे दें तो स्टूडैंट का वोट बन जाएगा। 12 अप्रैल तक लोग अपने वोट बनवा सकते हैं। डा. इंद्रजीत ने उम्मीद जताई कि इस बार 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगी। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!