क्या फिर से चुनावी दंगल में उतरेंगे दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र? उपचुनाव से पहले सियासी सरगर्मियों तेज

Edited By Isha, Updated: 05 Mar, 2021 09:46 AM

will the sons of two former chief ministers enter the electoral fray again

प्रदेश के दो विधानसभा क्षेत्रों कालका व ऐलनाबाद में प्रस्तावित उपचुनाव को लेकर भले ही चुनाव आयोग की तरफ से अभी चुनाव का कोई औपचारिक ऐलान न हुआ हो, मगर इन दोनों विधानसभा सीटों के कारण प्रदेश की सियासत में जरूर सरगर्मी आ गई है और यही नहीं कालका व...

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा ): प्रदेश के दो विधानसभा क्षेत्रों कालका व ऐलनाबाद में प्रस्तावित उपचुनाव को लेकर भले ही चुनाव आयोग की तरफ से अभी चुनाव का कोई औपचारिक ऐलान न हुआ हो, मगर इन दोनों विधानसभा सीटों के कारण प्रदेश की सियासत में जरूर सरगर्मी आ गई है और यही नहीं कालका व ऐलनाबाद में चुनावी स्थिति के साथ साथ उम्मीदवारों को लेकर अटकलों का भी दौर बड़ी तेजी पकड़े हुए है। इन दोनों ही क्षेत्रों में सियासी सरगर्मियां जोर पकडऩे का प्रमाण इस बात से मिलता है कि इन क्षेत्रों के आम लोग भी इन दिनों अपने अपने क्षेत्र में विभिन्न दलों के संभावित उम्मीदवार से लेकर चुनाव परिणामों तक पर चर्चा करते नजर आते हैं। यही नहीं मौका जब चुनाव का है तो दोनों ही क्षेत्रों में विभिन्न मुद्दे भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।

आम लोगों के साथ साथ राजनीतिक पर्यवेक्षकों की निगाह भी इन दोनों सीटों के प्रस्तावित उपचुनावों को लेकर इस बात पर टिकी है कि इन दोनों उपचुनावों के इस दंगल में उम्मीदवार के तौर पर कौन कौन एंट्री मारता है। चूंकि ऐलनाबाद विधानसभा सीट से इनैलो विधायक अभय ङ्क्षसह चौटाला अपना इस्तीफा दे चुके हैं, ऐसे में यहां होने वाले उपचुनाव में इनैलो की ओर से तो अभय ङ्क्षसह का ही चुनाव लडऩा लगभग तय है तो वहीं दूसरे दलों की ओर से अभी तक केवल कयासों का ही दौर जारी है। वहीं कालका विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर यूं तो सत्ताधारी भाजपा-जजपा गठबंधन, कांग्रेस व इनैलो की ओर से संभावित उम्मीदवार के तौर पर कई नाम चर्चा में हैं, मगर एक नाम जो एकाएक चर्चा में आया है वह है पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजन लाल के बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई का।

इस बात को भी इसलिए अधिक बल मिला जब चंद्रमोहन के छोटे भाई कुलदीप बिश्नोई ने चंद्रमोहन को सशक्त उम्मीदवार के साथ साथ जीतने वाला नेता बताया। कालका क्षेत्र चंद्रमोहन का पुराना निर्वाचन क्षेत्र रहा है और वे पहली बार विधायक भी इसी सीट से उपचुनाव लड़ कर बने थे। यदि ऐसा होता है तो फिर इन दोनों ही क्षेत्रों में एक बार फिर पुराना इतिहास दोहराता नजर आएगा जब ऐलनाबाद व कालका में पुन: दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे उपचुनाव के मैदान में अपना भाग्य आजमाएंगे।

ऐलनाबाद में तीसरा व कालका में दूसरी बार होगा उपचुनाव
गौरतलब है कि ऐलनाबाद के इतिहास में अब यह तीसरा उपचुनाव होगा जबकि कालका में दूसरी बार उपचुनाव होने जा रहा है। ऐलनाबाद में पहली बार उपचुनाव तब हुआ था जब 1968 में यहां से विजयी हुए लालचंद खोड के चुनाव को ओमप्रकाश चौटाला द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी और हाईकोर्ट ने यह चुनाव रद्द कर दिया था और यहां पहली बार उपचुनाव हुआ था। दूसरी बार ऐलनाबाद में उपचुनाव तब हुआ जब 2009 में ओमप्रकाश चौटाला ने ऐलनाबाद व उचाना से जीत दर्ज करने के बाद ऐलनाबाद सीट से त्यागपत्र दिया था और इस सीट पर 2010 में अभय ङ्क्षसह ने उपचुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। वहीं कालका विधानसभा सीट पर 1993 में उस वक्त उपचुनाव हुआ था जब तत्कालीन कांग्रेस विधायक पुरुषभान का निधन हो गया था, तब यहां हुए उपचुनाव में भजन लाल के बेटे चंद्रमोहन विजयी हुए।


ऐलनाबाद से अभय ङ्क्षसह चौटाला उपचुनाव सहित लगातार 3 चुनाव जीत चुके हैं जबकि कालका से चंद्रमोहन बिश्नोई उपचुनाव सहित 4 चुनावों में जीत का परचम लहरा चुके हैं। खास बात ये है कि 2000 में रोड़ी से उपचुनाव जीत कर पहली बार विधानसभा में प्रवेश करने वाले अभय ङ्क्षसह चौटाला ने जहां अब ऐलनाबाद को ही अपनी सियासी कर्मभूमि बना लिया है तो वहीं कालका से 4 बार विधायक रहे चंद्रमोहन बिश्नोई अब से पूर्व 2005 के बाद 2014 में हजकां की टिकट पर नलवा व 2019 में कांग्रेस की टिकट पर पंचकूला से चुनाव लड़ चुके हैं और अब कालका उपचुनाव में उनके कांग्रेस टिकट पर चुनाव लडऩे के कयासों को उनके छोटे भाई कुलदीप बिश्नोई ने ही उन्हें मजबूत उम्मीदवार की संज्ञा देकर बल दिया है। अब देखना ये होगा कि कांग्रेस पार्टी चंद्रमोहन पर कालका से उम्मीदवार के तौर पर भरोसा करती है अथवा नहीं?


अब तक ये रहा है कालका और ऐलनाबाद का चुनावी इतिहास
1 लाख 85 हजार 569 मतदाताओं पर आधारित ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य इलाका है जबकि 1 लाख 84 हजार 906 वोटों वाले कालका विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, गुज्जर व राजपूत मतदाता ही हर चुनाव में निर्णायक की भूमिका अदा करते हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में ऐलनाबाद से इनैलो के अभय ङ्क्षसह चौटाला ने भाजपा के पवन बैनीवाल को पराजित किया था जबकि कालका सीट पर कांग्रेस के प्रदीप चौधरी ने भाजपा की लतिका शर्मा को शिकस्त दी थी। ऐलनाबाद सीट को देवीलाल परिवार का गढ़ कहा जाता है तो वहीं कालका सीट कांग्रेस का एक मजबूत किला रही है।

ऐलनाबाद में हुए दो उपचुनावों सहित कुल 15 चुनाव हुए हैं। इनमें से 11 बार देवीलाल व चौटाला समर्थित उम्मीदवार ही विजयी हुए हैं जबकि 3 बार कांग्रेस व एक बार विशाल हरियाण पार्टी की जीत हुई थी। इसी प्रकार कालका विधानसभा सीट पर अब तक 1 उपचुनाव सहित कुल 14 चुनाव हुए हैं जिनमें से 8 बार कांग्रेस 2 बार लोकदल, 2 बार निर्दलीय व 1 बार भाजपा और 1 बार जनता पार्टी विजयी हुई।

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