Edited By Manisha rana, Updated: 21 Apr, 2021 09:52 AM
भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये किसानों के हित में नहीं हैं। ये कानून मोदी सरकार ने अपने मित्र कॉर्पाेरेट घरानों...
अलेवा : भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये किसानों के हित में नहीं हैं। ये कानून मोदी सरकार ने अपने मित्र कॉर्पाेरेट घरानों को मालामाल करने और भूख को बेचकर पैसा कमाने के लिए बनाए हैं।
चढूनी मंगलवार को संडील गांव के धन्ना भगत के जयंती समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि अगर ये कानून सिरे चढ़ गए तो पूरे देश में इन चंद कॉर्पोरेट घरानों का कब्जा हो जाएगा और किसान एवं मजदूर महज बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के नाम पर केंद्र सरकार किसान आंदोलन को समाप्त करवाने की साजिश रच रही है। अगर सरकार ने किसानों को धरने से कोरोना के नाम पर जबरदस्ती उठाने का प्रयास किया तो गंभीर परिणाम होंगे। चढूनी ने कहा कि भारत सोने की चिडिय़ा होता था। मोदी सरकार की गलत नीतियों से आज गरीब और ज्यादा गरीब तथा अमीर और ज्यादा अमीर होता जा रहा है।
इस तरह की आर्थिक असमानता के गंभीर परिणाम होंगे। कार्यक्रम में किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि आजकल भाजपा और आर.आर.एस. वाले कहते हैं कि ऑप्रेशन क्लीन-ऑप्रेशन क्लीन लेकिन उन्हें नहीं पता कि किसान को क्लीन करना इतना आसान नही है। कहीं इनके चक्कर में खुद ही सरकार को क्लीन नहीं होना पड़ जाए। उन्होंने कहा कि गेहूं की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। एक बार फिर से दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर अपनी हाजिरी सुनिश्चित करके सरकार को जताना है कि जिसने भी उनको छेड़ा है, उनको बुरी तरह से पराजय का सामना करते हुए रण छोडऩे को मजबूर होना पड़ा है।
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