Edited By Shivam, Updated: 30 Apr, 2020 08:52 AM
सरकार द्वारा एलटीसी काटने ओर डीए फ्रीज करने के को लेकर सरकार और कर्मचारियों के बीच सहमति नहीं बन पाई, इसके लिए सरकार को कर्मचारियों का विरोध सहन करना पड़ा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कर्मचारी और मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक के बाद कर्मचारी...
रोहतक (दीपक भारद्वाज): सरकार द्वारा एलटीसी काटने ओर डीए फ्रीज करने के को लेकर सरकार और कर्मचारियों के बीच सहमति नहीं बन पाई, इसके लिए सरकार को कर्मचारियों का विरोध सहन करना पड़ा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कर्मचारी और मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक के बाद कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंदर सिंह धनखड़ ने ये जानकारी दी, कर्मचारी महासंघ का कहना है कि सरकार के इस रवैये से कर्मचारी खुद भूखे मरने की कगार पर हैं, बल्कि सरकार कर्मचारियों की बजाए अपने मंत्रियों और विधायकों भत्ते क्यों नहीं कम कर रही।
कर्मचारी महासंघ ने सरकार के सभी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का डीए फ्रीज करना, ट्रांसपोर्ट अलाउंस और एलटीसी रोकने का पूर्ण विरोध किया और स्पष्ट रूप से सवाल करते हुए कहा कि केंद्र के सांसद, मंत्रियों और राज्यों के विधायकों, पूर्व विधायकों और मंत्रियों के भत्ते और डीए फ्रीज क्यों नहीं किए गए। उन्होंने कहा एक एक मंत्री और विधायक तीन तीन चार चार से भी ज्यादा पैंशन ले रहे हैं वो क्यो नही बन्द की गई। सरकार कर्मचारियों की बजाए अपने मंत्रियों, विधायकों और अपने खुद के खर्च कम करे।
धनखड़ ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी महासंघ कर्मचारियों और पैंशन धारकों के डीए फ्रीज, एलटीसी और ट्रांसपोर्ट भत्ते बन्द करने के हरियाणा और केंद्र सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध करता है और निरन्तर विरोध करता रहेगा। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार कोरोना की आड़ में इस तरह कर्मचारी विरोधी फैसले लेगी तो हरियाणा कर्मचारी महासंघ कड़ा विरोध करेगा और लॉकडाउन के बाद जल्द ही मीटिंग बुलाकर आगामी आंदोलन की घोषणा करेगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेवारी हरियाणा सरकार की होगी।