Edited By Rakhi Yadav, Updated: 10 Apr, 2018 12:24 PM
प्रदेश में ओवरलोडिंग की समस्या किस कदर ‘नासूर’ बनती जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार को खुद मोर्चे पर उतरना पड़ रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण बीते दिन शाम दिल्ली-जयपुर नैशनल हाईवे पर उस समय...
रेवाड़ी(ब्यूरो): प्रदेश में ओवरलोडिंग की समस्या किस कदर ‘नासूर’ बनती जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार को खुद मोर्चे पर उतरना पड़ रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण बीते दिन शाम दिल्ली-जयपुर नैशनल हाईवे पर उस समय देखने को मिला। जब मंत्री ऐसे वाहनों की जांच करने के लिए खुद मौके पर पहुंच गए।
मंत्री ने अपनी मौजूदगी में 40 वाहनों को पकड़ा तो यह बात साफ हो गई कि ओवरलोडिंग के खेल में दाल कहीं न कहीं काली जरूर है। प्रदेश में ओवरलोडिंग का खेल लम्बे समय से चल रहा है। ओवरलोडिंग माफिया आर.टी.ए. और पुलिस के साथ सैटिंग करने के बाद प्रिवेंशन ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है। इस खेल में भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी मोटा माल समेटने के चक्कर में लगे रहते है।
यही कारण है कि ओवरलोडिंग पर लगाम नहीं लग पा रही है। जब अधिकारियों पर दबाव बनता है तो कुछ वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाती है। बाद में स्थिति वही बन जाती है। अधिकारियों की नाकामी के कारण ही बीते दिन खुद परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार को सड़क पर उतरना पड़ा।
जानकारी के अनुसार नैशनल हाईवे नं. 8 से राजस्थान की तरफ से सर्वाधिक ओवरलोड वाहन आते है। इनमें सबसे ज्यादा भवन निर्माण सामग्री के होते है। ये वाहन पूरी तरह सैटिंग के आधार पर दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद की तरफ निकल जाते हैं। वहीं, बड़े स्तर पर सैटिंग होने के कारण इन वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो पाती।
परिवहन मंत्री खुद राजस्थान बॉर्डर के निकट ऐसे वाहनों की जांच के लिए निकल पड़े। मंत्री के अचानक पहुंचने की सूचना के बाद अधिकारियों के पसीने छूट गए। मंत्री ने नाकेबंदी कर, ऐसे 40 वाहन पकड़े। इसके बाद इन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का जिम्मा अधिकारियों पर छोड़ दिया गया।