यमुना में आया पानी, ग्रामीणों व साधु-संतों ने की पूजा, नृत्य कर मनाई खुशी

Edited By Shivam, Updated: 09 Jun, 2018 08:40 PM

water flow in yamuna villagers and saints worshiped and danced

यमुना नदी में पानी आने से आसपास के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। यमुना नदी में पानी आने की सूचना मिलते ही यमुना नदी पर देखने वालों का तांता लग गया। इतना ही नहीं, बल्कि यमुना नदी में पानी आते समय मौके पर पहुंचे लोगों ने पानी के आगे-आगे चलकर नृत्य...

बापौली(पंकेस): यमुना नदी में पानी आने से आसपास के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। यमुना नदी में पानी आने की सूचना मिलते ही यमुना नदी पर देखने वालों का तांता लग गया। इतना ही नहीं, बल्कि यमुना नदी में पानी आते समय मौके पर पहुंचे लोगों ने पानी के आगे-आगे चलकर नृत्य कर यमुना में आए पानी का स्वागत किया। वहीं यमुना किनारे उत्तर प्रदेश की ओर बने मन्दिर के महंत सुभाष गिरी ने भी ग्रामीणों के साथ यमुना नदी के जल में खड़े होकर पूजा-अर्चना की। साथ ही पानी को आता देख किनारे बैठकर भगवान का शुक्रिया किया और बताया कि ज्येष्ठ माह में कई वर्षों के बाद यमुना नदी में चलता जल देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि यमुना नदी में पानी आने से जहां लाखों श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है, वहीं यमुना नदी के जल पर निर्भर जीव-जंतुओं को भी अब पानी के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।

विधायक मच्छरौली ने सी.एम. से की थी बात, तो यमुना में छोड़ा गया पानी
हलका समालखा विधायक रविन्द्र मच्छरौली ने गंगा दशहरे पर यमुना नदी में पानी न होने और नहाने के नाम पर श्रद्धालुओं से पैसे वसूलने से आहत होकर सी.एम. मनोहर लाल खट्टर से बात की थी, ताकि यमुना में पानी छोड़े जाने से लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बनी यमुना नदी का अस्तित्व बरकरार रह सकें। विधायक की बदौलत यमुना नदी में पानी आने से श्रद्धालुओं ने विधायक का आभार जताया और कहा कि हलका समालखा का ऐसा पहला विधायक है, जिसने यमुना नदी के अंदर ज्येष्ठ माह में पानी चलवाकर लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा को बरकरार रखने का प्रयास किया है।

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महंत ने कई दिनों तक किया था अनशन
यमुना नदी में पानी न होने पर आहत होकर महंत शीलगिरी ने कई दिनों तक अनशन धारण कर यमुना नदी में पानी छोडऩे की मांग की थी, लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने अनशन के दौरान मौके पर पहुंचकर महंत की सेहत के बारे में जानने तक की भी जहमत नहीं उठाई थी। कई दिन बाद महंत के गुरू भाईयों ने आकर महंत को जूस पिलाकर अनशन बंद करा दिया था।

समिति के नेतृत्व में ग्रामीणों ने दी थी रोड जाम की चेतावनी
यमुना नदी में पानी न होने से यमुना सुधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट रत्नसिंह रावल ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ अनशन पर बैठे महंत को समर्थन किया था, लेकिन प्रशासन व सरकार की जब नींद नहीं खुली, तो समिति के प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में आसपास के ग्रामीणों ने पानीपत-हरिद्वार रोड को जाम किया था और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी थी कि अगर जल्द ही यमुना नदी में पानी नही छोड़ा गया, तो वो स्थाई रूप से पानीपत-हरिद्वार रोड जाम कर देंगे।

इस संबंध में सिंचाई विभाग के जे.ई. लोकेन्द्र का कहना है कि यमुना नदी के अंदर हथनीकुंड बैराज से 352 क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, लेकिन पानी कम होने से वो रेत के अंदर ही लुप्त हो जाता, इसलिए सोमनदी के पानी को दादूपुर-नलवी पावर हैड से और पानी छोड़ा गया है। जिस कारण यमुना नदी में पानी सनौली यमुना पुल को पार कर चुका है और आगे बढ़ रहा है।

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