कोताही: पेयजल पाइपलाइन लीकेज से दरक गई घरों की दीवारें

Edited By Isha, Updated: 21 Aug, 2019 11:35 AM

wake up walls of houses cracked by drinking water pipeline leakage

पब्लिक हैल्थ अधिकारियों की गैरजिम्मेदाराना कार्यप्रणाली के चलते शहर के लोग आए दिन दिक्कतों से दो-चार हो रहे हैं। कहीं पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है तो कहीं सीवरेज का पानी लोगों के घरों में मार कर रहा है। ढेरों शिकायतें मिलने के बावजूद

सिरसा (का.प्र.): पब्लिक हैल्थ अधिकारियों की गैरजिम्मेदाराना कार्यप्रणाली के चलते शहर के लोग आए दिन दिक्कतों से दो-चार हो रहे हैं। कहीं पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है तो कहीं सीवरेज का पानी लोगों के घरों में मार कर रहा है। ढेरों शिकायतें मिलने के बावजूद अधिकारी हाथ पैर हिलाने को तैयार नहीं। न तो इन्हें अपने आला अफसरों का डर है और न ही सरकार का कोई खौफ।


मनमाने ढंग से अधिकारी काम कर रहे हैं, जिसका खमियाजा निर्दोष जनता को भुगतान पड़ रहा है। वार्ड 23 में कई दिनों से पानी की लाइन में लीकेज थी। समस्या को लेकर वार्ड के लोगों ने अनेक मर्तबा पब्लिक हैल्थ अधिकारियों को सूचना दी लेकिन अधिकारियों ने समस्या का समाधान करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसका नतीजा यह हुआ कि पानी ने घरों में मार करनी शुरू कर दी, जिसके चलते वार्ड के करीब 10 घरों में दरारें आ गई हैं। एक मकान की तो दीवार ही गिर गई। वार्ड पार्षद राजेश गुर्जर के साथ मोहल्ले के लोगों ने पब्लिक हैल्थ अधिकारियों को जमकर कोसा। लोगों ने मकान को हुए नुक्सान के लिए सीधे तौर पर पब्लिक हैल्थ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने प्रशासन से नुक्सान का मुआवजा मांगा है। लोगों ने नुक्सान की भरपाई पब्लिक हैल्थ अधिकारियों की जेब से करवाए जाने की भी बात कही। 

अधिकारियों ने नहीं किया मौके का मुआयना
वार्डवासियों ने कहा कि पेयजल लाइन लीकेज के कारण पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूॢत नहीं हो पाती थी। वहीं, पानी भी स्व४छ आपूॢत नहीं हो पाता था। कई बार अधिकारियों को फोन किए। दफ्तर में जाकर भी कह आए। मगर किसी भी अधिकारी ने मौके का मुआयना तक करना जरूरी नहीं समझा। अधिकारियों की लापरवाही के चलते वार्ड के  गली रामजी पहलवान वाली निवासी सोहन लाल के मकान की दीवार भरभराकर गिर गई। इसके अलावा तरसेम सोनी, मोनू शर्मा, भूप गुज्जर, कालूराम गुर्जर, कैलाश चंद, शांति देवी व कालू सहित अन्य कई घरों में दरारें आ गईं।

इन लोगों ने कहा कि पब्लिक हैल्थ अधिकारी अगर समय पर रहते समस्या की सुध ले लेते तो उनके मकानों में दरारें नहीं आती। उन्होंने कहा कि घरों को काफी नुक्सान हुआ है। सभी छोटा-मोटा काम-धंधा कर परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं। ऐसे में मकान को ठीक करवाना उनके लिए आॢथक तौर पर संभव नहीं। पीड़ितों ने कहा कि पब्लिक हैल्थ प्रशासन की कारगुजारी के चलते मकान में दरारें आई हैं, इसलिए विभागीय अधिकारियों की जेब से ही नुक्सान की भरपाई होनी चाहिए। उन्होंने डी.सी. से न्याय की मांग की है। साथ ही नुक्सान का मुआवजा न मिलने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी।
 

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