Edited By vinod kumar, Updated: 05 Aug, 2021 10:13 PM
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के सभी आईजी, पुलिस कमिश्नर तथा एसपी को पत्र लिख कहा है कि उनके द्वारा जो भी जांच या कार्रवाई के आदेश दिए जाते हैं वह डीएसपी स्तर के अधिकारियों से कम से कम जांच होनी चाहिए। अनिल विज सन्घेय अपराध के मामलों में...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के सभी आईजी, पुलिस कमिश्नर तथा एसपी को पत्र लिख कहा है कि उनके द्वारा जो भी जांच या कार्रवाई के आदेश दिए जाते हैं वह डीएसपी स्तर के अधिकारियों से कम से कम जांच होनी चाहिए। अनिल विज सन्घेय अपराध के मामलों में विभिन्न पुलिस अधिकारियों की जांच व तत्परता ना होने से बेहद खफा हैं।
अनिल विज का मानना है कि सन्घेय अपराध की शिकायतों पर 90% से अधिक पुलिस अधीक्षकों ने उनके द्वारा भेजी गई शिकायतों की जांच या कार्रवाई कोताही की है। उन्होंने कई आईजी, पुलिस कमिश्नर व एसपी को पत्र लिख स्पष्टीकरण मांगा है कि ऐसा क्यों हो रहा है। उल्लेखनीय है कि अनिल विज के कार्यालय चंडीगढ़ सचिवालय तथा खुले खुले दरबार में 300 से 500 के बीच शिकायतें आती हैं।
वह अपने स्टाफ के माध्यम से अपने आदेश दे इन शिकायतों पर नंबर लगाकर विभिन्न जिलों में पुलिस अधिकारियों के पास भेजते हैं। अनिल विज से लोगों को यह उम्मीद रहती है कि वह उनकी सुनवाई अवश्य करेंगे। अनिल विज खुद भी मानते हैं कि अगर कोई दुखी व्यक्ति उनके पास चलकर आया है तो यह उनका धर्म है कि उसकी मदद करें। अनिल विज जब से मंत्री बने हैं पहले दिन से ही अपने कार्यालय द्वारा उनके आदेशों पर भेजी गई किसी भी चिट्ठी का जवाब ना आने पर खफा हो जाते हैं।
उन्होंने अपने प्राइवेट सेक्रेटरी स्तर पर मॉनिटरिंग सिस्टम भी रखा हुआ है कि किस जिले के पुलिस कप्तान को कितनी शिकायतें एक माह में गई उनका क्या असर हुआ उन पर क्या कार्रवाई हुई सबकी एक्शन टेकन रिपोर्ट अनिल विज अपने कार्यालय के माध्यम से खुद लेते हैं। पुलिस कप्तानों व अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा अनिल विज के दिशा निर्देशों की अवहेलना करना कई बार उनके लिए सिरदर्द बन जाता है। अनिल विज इस मामले को लेकर बेहद सख्त नजर आते हैं तथा कहते हैं कि अगर कहीं कोई खुदाई रही है तो उस अधिकारी के खिलाफ अवश्य एक्शन होगा।
विज की कार्यप्रणाली में बाधा बनने वाले पुलिस अधिकारियों की लिस्ट अब उनका विभाग प्यार करने लग रहा है। अनिल विज जल्दी ही कई हरियाणा के ऐसे पुलिस कप्तानों व अन्य आला अधिकारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन ले सकते हैं जो उनके कार्यालय से गए पत्रों को गौर नहीं कर रहे। अनिल विज का मान्य है कि वह जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं जनता के प्रति उनकी जवाबदेही बनती है। प्रशासनिक अमला सरकार के अध्यक्षों आदेशों की पालना करने अकेली होता है, अगर सरकारी अधिकारी काम में कोताही करेंगे तो उनके पास ऐसे अधिकारियों को बक्सर जाने का कोई खाना नहीं है।
गृह मंत्रालय संभालने के बाद मनोहर पार्ट 2 में अनिल विज के लिए सबसे बड़ी चुनौती पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली रही है। अनिल विज इस कार्यप्रणाली को समय-समय पर सुधारने के लिए अधिकारियों को चेता रहे हैं। मगर अब अनिल विज के तेवरों से लगता है कि अनिल विज के तेवर किसी न किसी अधिकारी पर गाज गिर आएंगे।
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