Edited By Manisha rana, Updated: 29 May, 2020 12:36 PM
हरियाणा में निकाय चुनाव को लेकर विधानसभा में पारित किए गए संशोधन विधेयक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने अड़ंगा लगा दिया...
चड़ीगढ़ : हरियाणा में निकाय चुनाव को लेकर विधानसभा में पारित किए गए संशोधन विधेयक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने अड़ंगा लगा दिया है। इस विधेयक के तहत जनता द्वारा की गई वोटिंग से ही मेयर, चेयरमैन व चेयरपर्सन चुने जाने हैं। इस कारण करीब एक साल पहले पांच नगर निगमों यमुनानगर, अंबाला, करनाल, पानीपत और रोहतक में चुनाव हो चुके हैं और पांच मेयर जनता की वोटिंग से चुन कर आ चुके हैं। लेकिन अभी तक नगर पालिका व परिषदों के चुनाव होने है और उनके इस तरह सीधे चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हुई है।
इसके लिए मामले की फाइल विज के पास पहुंची थी। जिस पर उन्होंने लिख दिया है कि ‘दिस इज अगेंस्ट द बेसिक प्रिंसिपल ऑफ पार्लियामेंट्री सिस्टम ऑफ डेमोक्रेसी (यह लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली के मूल सिद्धांत के विपरीत है)। अगर इस सिस्टम को शुरू भी करना है तो इसे टॉप से करो।’ इस टिप्पणी के बाद अफसर फाइल लेकर दौड़ रहे हैं।
हरियाणा सरकार पहले इस मामले को लेकर अध्यादेश लाई थी। इसके बाद विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित हुआ था। जिस समय यह विधेयक पास हुआ था, उस समय शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन थीं। अब जब भाजपा सरकार दूसरी बार सत्ता में आई तो शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज हैं। अब इस विधेयक के इंप्लीमेंटेशन को लेकर जो फाइल आई, उस पर विज ने अपनी टिप्पणी लगा कर भेज दी। वर्तमान में स्थिति यह है कि शहरी निकायों को पावरफुल बनाने की कवायद अब शहरी निकाय मंत्री अनिल विज को राजनीतिक तौर से सही लग रही है।