Edited By vinod kumar, Updated: 03 Mar, 2021 09:01 PM
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर अपने स्टैंड पर कायम हैं। केंद्र सरकार ने डीजीपी के कार्यकाल को बढ़ा दिया है, लेकिन विज नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर अड़े हुए हैं। इसको लेकर वह बुधवार को दिल्ली पहुंचे और भाजपा के शीर्ष...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर अपने स्टैंड पर कायम हैं। केंद्र सरकार ने डीजीपी के कार्यकाल को बढ़ा दिया है, लेकिन विज नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर अड़े हुए हैं। इसको लेकर वह बुधवार को दिल्ली पहुंचे और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। वहीं इससे पहले 2 मार्च को विज डीजीपी को पत्र मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिख एतराज जता चुके हैं।
विज ने इस पत्र में लिखा है कि आईबी विभाग (MHA) द्वारा डीजीपी हरियाणा को एक वर्ष की एक्सटेंशन दी गई है, जबकि मीडिया के कुछ वर्गों ने इस एक्सटेंशन को सेवानिवृत्ति तक बताया है, जोकि गलत है। विज ने अपना स्टैंड दोहराते हुए कहा कि दो साल के लिए नियुक्ति न्यायउचित थी। उन्होंने आगे लिखते हुए कहा कि यह एक्सटेंशन केवल अगले इंतजाम होने तक की गई है। क्योंकि यह एक इनकंपीटेंट ऑफिसर हैं। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को नियंत्रण करने में ज्यादा सफलता नहीं मिली है। जिसका प्रमुख कारण इनका अधिकारियों पर नियंत्रण ना होना है।
उन्होंने आगे लिखा है कि किसानों के आंदोलन में अव्यवस्था देखने को मिली। डीजीपी को ऐसे हालात में राज्य में रहना ठीक नहीं है। हरियाणा के गृह सचिव द्वारा बनाए जा रहे पैनल में नए डीजीपी को सिर्घ नियुक्ति दी जाए।
हरियाणा के बजट सत्र 5 मार्च को शुरु होने जा रहा है। कांग्रेस इस सत्र में अविश्वास पत्र लाने की तैयारी में है। ऐसे माहौल में हरियाणा के आक्रामक नेताओं में शुमार अनिल विज द्वारा नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर जिस प्रकार से कड़े तेवर दिखाए जा रहे हैं, निसंदेह यह मुद्दा कांग्रेस भी भुनाने की कोशिश करेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल व गृह मंत्री अनिल विज दोनो में पुरानी मित्रता है। अनिल विज के साथ मुख्यमंत्री का बढ़िया तालमेल होने के कारण विधानसभा सत्र में दोनों नेता सदैव की तरह फ्रंटफुट पर कांग्रेस के खिलाफ बेटिंग करते नजर आएंगे। विज हमेशा ऐसी परिस्थितियों में जब विपक्ष किसी भी मुद्दे को उठाता है तो सरकार के लिए सुरक्षा दीवार बनते हैं, वह विपक्ष को करारा जवाब देने वाले नेताओं में प्रमुख माने जाते हैं।
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