अस्पताल में दवाई लेने आई 3 लड़कियों की वीडियो बनाकर टिक-टॉक पर डाली

Edited By Shivam, Updated: 13 Oct, 2019 12:55 PM

video made of 3 girls who came to the hospital to take medicines

सिविल अस्पताल में 2 दिन पहले दवाई लेने के लिए आई 3 लड़कियों की किसी युवक ने वीडियो बनाकर टिक-टॉक पर डाल दी। उस वीडियो को जब लड़कियों ने देखा तो इसकी शिकायत महिला थाना पुलिस जींद में की गई।

जींद(राठी): सिविल अस्पताल में 2 दिन पहले दवाई लेने के लिए आई 3 लड़कियों की किसी युवक ने वीडियो बनाकर टिक-टॉक पर डाल दी। उस वीडियो को जब लड़कियों ने देखा तो इसकी शिकायत महिला थाना पुलिस जींद में की गई। उसके बाद पुलिस ने भी मामले की जांच करते हुए सिविल अस्पताल आ पहुंची और इसको लेकर चिकित्सकों से लेकर आऊटसोॄसग कर्मचारियों तक पूछताछ की। पुलिस मामले की जानकारी लेकर वापस लौट गई। 

9 अक्तूबर को दोपहर 12 बजे के आसपास उचाना क्षेत्र की 3 लड़कियां दवाई लेने के लिए सिविल अस्पताल आई थीं। अस्पताल में आने के बाद वह रजिस्ट्रेशन वाले काऊंटर पर पहुंची। उस दौरान किसी अज्ञात युवक ने उन तीनों लड़कियों की वीडियो बना ली और वीडियो में एडिटिंग कर टिक-टॉक पर डाल दी। लड़कियां उस दिन तो दवाई लेकर चली गईं।

घर जाने के बाद उन्हें टिक-टॉक पर उनकी वीडियो देखी जिससे देखकर वह हैरान रह गईं कि जब उन्होंने कोई वीडियो बनाई ही नहीं थी तो यह वीडियो किसने बनाई और टिक-टॉक पर भी डाल दी। वीडियो को देखने से साफ दिखाई दे रहा था कि वह वीडियो सिविल अस्पताल के पास रजिस्ट्रेशन काऊंटर के पास की है। उसने तुरंत इस वीडियो के बारे में परिजनों को बताया और परिजन तीनों लड़कियों को लेकर महिला थाना पुलिस जींद पहुंचे और वीडियो बनाने वाले अज्ञात युवक के खिलाफ शिकायत दी।

अस्पताल में रहता है युवाओं का जमावड़ा
सिविल अस्पताल में हर समय युवाओं का जमावड़ा रहता है। अस्पताल में पर्ची बनवाने से लेकर दवाइयां लेने तक की जगह आस-पास युवा बैठे रहते हैं। वहां पर मरीजों के लिए लगाई गई कुॢसयों पर युवा ही बैठे रहते हैं, वहीं मरीजों को वहां खड़ा होने तक की जगह नहीं मिल पाती। जब कोई मरीज किसी युवा को कुर्सी छोडऩे की कहता है तो वह गाली-गलौच तथा लड़ाई करने पर उतारू हो जाते हैं। ऐसा ही हाल पार्क में लगी कुॢसयां या कहीं बैठने की और जगह है वहां भी युवा ही बैठे रहते हैं।

ऐसे में मरीज पर्ची कटवाने तथा दवाई लेने में ही बेहाल हो जाते हैं। सिविल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए सिक्योरिटी के रूप में लगभग 50 के करीब युवा तैनात किए हुए हैं। इसके बावजूद भी सिविल अस्पताल में कहीं भी सिक्योरिटी का नाम तक नहीं है। अस्पताल में सबकुछ रामभरोसे चल रहा है। सिक्योरिटी को लेकर न तो अस्पताल प्रबंधन गंभीर है और न सिक्योरिटी के लिए तैनात किए गए युवा हंै। ऐसे में मरीजों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ता है। 

-शशि प्रभा अग्रवाल, सिविल सर्जन, सिविल अस्पताल जींद ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। शनिवार को सिविल सर्जन कार्यालय बंद ही रहता है। यह ऐसा मामला सिविल अस्पताल में हुआ है तो बहुत गलत है। हालांकि आऊटसोॄसग के तहत 50 के लगभग युवाओं को सिक्योरिटी के तौर पर भर्ती किया हुआ है।

अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काऊंटर, पर्ची काऊंटर तथा अन्य भीड़-भाड़ की जगहों पर सिक्योरिटी तैनात रहती है। जहां वीडियो बनाने की बात है वहां पर भी अस्पताल के टाइम सिक्योरिटी गार्ड खड़ा रहता है। इस मामले बारे पूछताछ की जाएगी और लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। सिक्योरिटी गार्डों को सख्त निर्देश दिए जाएंगे कि वे अपनी ड्यूटी के प्रति गंभीर रहें।

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