2000 रिटेल स्टोर खोलेगी सरकार, बेरोजगार युवकों को मिलेगा रोजगार : संजीव कौशल

Edited By Manisha rana, Updated: 23 Aug, 2020 05:34 PM

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आम जनता को सस्ता और उतम क्वालिटी के उत्पाद मुहैया करवाने और करीब 2000 बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की नियत से सरकार की रिटेल...

चंडीगढ़ (धरणी) : आम जनता को सस्ता और उतम क्वालिटी के उत्पाद मुहैया करवाने और करीब 2000 बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की नियत से सरकार की रिटेल स्टोर योजना को लेकर हरियाणा की क्या तैयारी है, इस योजना को कब तक अमलीजामा पहनाया जा सकता है, इसे लेकर आज पंजाब केसरी के विशेष प्रतिनिधि चन्द्रशेखर धरनी ने हरियाणा कृषि एवं सहकारिता विभाग के एडिशनल चीफ सेकेटरी संजीव कौशल से बातचीत की। इस बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैंः-

प्रश्न :  हाल ही में 2000 रिेटेल स्टोर खोलने की तैयारी है। यह रीीटेल स्टोर बेरोजगार युवकों को दिए जाएगें, बने बनाए दिए जाएगें या कोन्टैक्ट पर रखा जाएगा। किस प्रकार की नीति है सरकार की ?
उत्तर :  देखिए, 2000 के करीब हम स्टोर खोलना चाहते हैं। 60 से 70 प्रतिशत गा्रमीण क्षेत्रों में जिनकी आबादी 5000 से ज्यादा है और बाकी अर्बन एरिया में जिन वार्डों की आबादी 15000 से ज्याष्दा है। हम वंहा इन स्टोरों को खोलना चाहते हैं। इसके लिए हमने प्रोसेस भी शुरू कर दिया है। ये काम करने के लिए हमने हरियाणा एग्रो इन्डस्ट्री कारपोरेशन को चुना है। उसके लिए एम.डी. रोहित यादव, एम.डी. हैफेड और तीसरे डेयरी फेडरेशन के एम.डी. श्रीनिवास समेत तीनों की कोर कमेटी हमने बना दी है। इसमें कन्सलटेंट जो है वो जगह का चुनाव करने में, लाजिस्टिक वेयर हाउसिस वगैरह स्थापित करने में, जंहा-जंहा भी जो हमने जो कार्यवाही करनी है उसके लिए कन्स्लटेंट भी नियुक्त करने का हमने टैन्डर काल कर दिया है। हम अपेक्षा करते हैं कि हम हफते दस दिन में फैसला कर लेगें कि किसको यह कन्सलटैन्सी का ओैर मैनेजमैंट का काम देना है और साथ ही हमारा ये प्रोसेस शुरू हो जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में थोडे छोटे स्टोर करीब 150 स्केयर फीट के होगें। अर्बन क्षेत्रों में थोडे बडे करीब 300 से 500 स्केयर फीट के होगें। इसमें हम चाहेगें कि बेरोजगार और नौजवान युवकों को इसका ज्यादा फायदा मिले जिनकी उम्र करीब हम सोच रहे हैं कि 35 से 40 साल से अधिक न हो। यह पालिसी हम सारी डिवाईस कर रहे हैं। फ्रैन्चाईजी पालिसी, लाजिस्टिक डिवाईस पालिसी यह सारी चीजें एकदम रोलआउट हो जाएगी। दो कन्सलटैन्ट हमने और एन्गेज करने के लिए व्यक्ति चुनने हैं। एगा्रे इन्डस्ट्री कारपोरेशन में। तो कुछ हमारे कुछ एम.बी.ए. मार्किटिंग बोर्ड के पास थे। कुछ उनको भी लिया है। हम आशा कर रहे हैं कि बहुत तेजी से यह काम होगा। जैसा आप जानते हैं कि हमारी कारपोरेशन है जो फेडरेशन है चाहे ये अपैक्स फैडरेशन हो जो हैफेड है, डेयरी फेडरेशन है जैसे वीटा है। खादी एण्ड विपेज फैडरेशन के प्रोडक्टस हैं वो सब इसके अलावा हमारे कई जगह पर हमारे कई ओर गु्रपस हैं जैसे बाजरे के बिस्कुट हैं, कुकिज इत्यादि काफी हैं। इसके अलावा हरियाणा प्रदेश के एम.एस.एम.ई. है जो कि एक करोड से ज्यादा की 1 साल में प्रोडक्शन करते हैं उनके प्रोडक्टस भी हम इसमें स्टोर करेगें। ताकि वायबिलिटी बने। हमारी कोशिश है कि स्टोर संचालक को कम-से-कम 10 हजार रूपये प्रतिमाह इसमें बचे और अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छी तरह से कर सके।

प्रश्न : 10 हजार रूपये जो बचने की बात आप कह रहे हैं यह स्टोर राशन डिपो की तर्ज पर दिए जाएगें। उन्हे लाईसैंस दे दिया जाएगा। उन्ही की इन्वेस्टमैंट रहेगी या कान्टेक्ट बेस पर आदमी रखे जाएगें। थोडा क्लीयर करें ?
उत्तर : 15 दिन में हम ये सब कुछ सार्वजनिक करने वाले हैं। हर कोई एप्लाई कर पाएगा। अर्बन क्षेत्र में हम चाहेगें कि व्यक्ति के पास अपनी जमीन हो जंहा वो इसे लगा सके। या उसके पास कोई ऐसे सुविधा हो ऐसा बूथ ले रखा हो। अपना इसमें कोई काम कर रखा हो। जिसमें वो इसे स्थापित कर सके। नही होगा तो सरकार के पास बोर्ड, कारपोरेशन, पंचायती जमीन जैसे भी हम कैसे उसका करेगें। इन सब बातों पर हमारा काम चल रहा है हमने डिप्टी कमीशनरस को भी इसमें जोड रखा है। हम इनको अपना कर्मचारी नही बनाएगें। यह तो क्लीयर है। यह अपनी कमाई खुद करेगें। हम प्रोडक्शन रेट के लगभग ही उन्हे प्रोडक्टस उपलब्ध करवाएगें और यह उन वस्तुओं को मार्किट रेट से कुछ कम कीमत पर बेचेगें। ताकि जनता को भी और इन्हे भी फायदा हो।

प्रश्न : कृषि विभाग भी आपके पास है। किसानों को लेकर सरकार के पास नई क्या कल्याणकारी योजनांए हैं। क्या नीतियां है ?
उत्तर : भारत सरकार ने कई एग्रीकल्चर रिफार्मस किए हैं। लोग केवल ये 3 अध्यादेशों पर ही बात करते हैं। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत के लिए कई स्कीम हैं। एक बहुत बडी स्कीम एग्रीकल्चर इन्फरास्टकचर फंड को भी भारत सरकार ने शुरू किया है। उसमें भी हरियाणा प्रदेश बहुत फायदा उठाने जा रहा है। कम से कम 3900 करोड रूपये उसमें हरियाणा के लिए चिन्हित हैं और हमने वो स्कीमस बनाई हैं जो प्राईवेट तौर पर लोग अपना वेयर हाउस बना सकते हैं 5000 टन तक का उसके लिए भी हमने अखबारों में विज्ञापन दिए हैं। लोग एप्लाई कर सकते हैं। उसमें फाईनेनशियल इन्स्टीटयूशन के जरिए वो लोन लेगें और उसको 3 प्रतिशत की इन्ट्रस्ट आफ वैल्यूएशन होगी। जोकि एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्शन फंड में से दी जाएगी। इसके अलावा पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड भी है उसमें भी हमारी कोशिश है कि तकरीबन 1.3 लाख लोग पशु ले पांए। उनके लिए भी के्रडिट की सुविधा और 2 प्रतिशत का ब्याज भारत सरकार की तरफ से दिया जाएगा। यह सिर्फ ड्राईंग बोर्ड पर ही नही है। इनका साथ ही साथ रोलआउट भी शुरू हो चुका है। ये भी किसान की आमदनी बढाने के लिए उपयोगी साबित होने वाले हैं।

प्रश्न : तीन अध्यादेश जिनके नफा-नुक्सान के बारे में किसानों में खूब चर्चा है। इसके सकारात्मके पहलू कौन-कौन से हैं ?
उत्तर : इनमें से सबसे महत्वपूर्ण जो है उसके बारे में मुख्यमन्त्री जी ने भी बताया है जिसमें किसान जो फसल मण्डी में जैसे गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, धान इत्यादि जिनकी खरीद  हरियाणा सरकार 100 प्रतिशत अपनी एजेन्सियों के माध्यम से करती है अब किसान अपनी उस फसल को अगर उन्हे मण्डी से बाहर मण्डी से अधिक कीमत पर कोई खरीदे वो उसे बेच सकेगा। किसान आजाद होगा और अगर कोई नही खरीदता तो किसान मण्डी में तो उसे बेच ही सकता है। जिसका उसे मिनिमम स्पोर्ट प्राइज यानि एम.एस.पी. तो मिलेगा ही।

प्रश्न : इस अध्यादेश को लेकर किसानों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है ?
उत्तर : 25 तारीख को भी गोष्ठी कर रहे हैं। पहले भी हमने कई गोष्ठियां की हैं। हम उन्नत किसानों के साथ, किसान संगठनों के साथ बैठके करके उन्हे बता रहे हैं और बताएगें कि इससे क्या फायदा है। अगर किसी को संशय है तो उसके बारे मे बताना भी हमारा ही फर्ज है।एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में किसान को कैसे फायदा होगा। क्या क्या हम कर रहे हैं। ये किसान को बताना हमारा फर्ज है और हम अपना दायित्व पूरा करेगें।

प्रश्न : पराली को लेकर हर बार कुछ न कुछ अपवाद रहता है। खेतों में पराली जलाई जाती है। इस बार क्या नया करेगें ताकि इस पर कन्ट्रोल कर सकें ?
उत्तर : किसान को जागरूक होना चाहिए। कितना नुक्सान है इसका। एक तो वातावरण खराब होता है। जिसका दुष्प्रभाव हमारे पर भी और हमारी अगली पीढी पर भी पढता है। दूसरा किसान की अपनी जमीन को कितना नुक्सान हेाता है अपनी अगली फसल का। हम और भारत सरकार चाहते हैं कि या तो अवशेषों का इस्तेमाल वहीं खेत में ही कर लिया जाए या फिर उनके रोल बनाकर अवशेष को हमने काफी यूनिट खोले हैं चाहे बायोमास का इस्तेमाल करने वाले हों चाहे गत्ता फैक्ट्रियां हो, बिजली के जनरेशन में भी काम में लाया जा सकता है इत्यादि। ताकि किसान को ओर पैसे मिल सकें। इसके साथ हमने कुछ इनसैन्टिव भी किसानों को दिए हैं। इस बार हम नया इनसैन्टिव लाए हैं जोकि पिछले साल के अन्त में ही हमने सोचा था। 1000 रूपये प्रति एकड उस किसान को दिया जाएगा जो अपने खेत में अवशेष नही जलाएगा। 152 करोड के करीब हरियाणा सरकार इस पर खर्च करेगी।

प्रश्न : इसके बावजूद कई किसान नही मानते। उसके लिए क्या करने वाले हैं ?
उत्तर : इसके लिए जिले के डिप्टी कमीशनर पूरा प्रबन्धन कर रहे हैं। नोडल अधिकारी लगाए हुए हैं। पंचायतों के भी नोडल अधिकारी हैं। शपथ ग्रहण से जागरूकता फैला रहे हैं। लेकिन भय बिन प्रीत न होए। अगर फिर भी कोई नही मानता तो हमारा पोल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड चलान काटेगा। फिर भी कोई दुष्शाहस दिखाएगा तो उसके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी।

प्रश्न : मेरा पानी-मेरी विरासत योजना पर क्या स्टेटस है ?
उत्तर : परफोरमैंस काफी अच्छी है। टारगेट पूरा हो रहा है। 1 लाख एकड के खेतों में जिनमें पहले धान लगाई जाती थी इस बार कपास, मक्की, तिलहन फसलें, बाजरा खडा है। करीब 10 हजार एकड भूमि में होरटिक्लचरल खेती जैसे फल, सब्जियां इत्यादि खडी हैं। हमने 10 हजार करोड की इन्सैन्टिव की पहली किश्त भी जारी कर दी है।  

प्रश्न : किसान मित्र योजना क्या है और इसका लाभ किन लोगों को मिलेगा ?
उत्तर : 
काफी समय पहले डिप्टी डायरेक्टर को किसान क्लब बनाने के निर्देश थे लेकिन गाइडलाईन नही दी गई थी कि किस प्रकार से कार्यान्वित करें। कुछ जगहों पर ही बन पाने के कारण कुछ खास फायदा नही हुआ था। लेकिन अब मुख्यमन्त्री ने किसान मित्र नाम से स्कीम शुरू की है। जिसका बहुत ज्यादा फायदा किसान को मिलने जा रहा है।

प्रश्न : इसका मेन प्रारूप क्या रहेगा ? किसान को फायदा कैसे मिलेगा ?
उत्तर : 
अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्र के उन्नत किसानों को आगे लाया जाएगा जा अन्य किसानों को उनकी फसलों में कैसे फायदा लें इसके बारे में समझाएगें। जिससे किसान को फसल में किस प्रकार के पोषक तत्व देने हैं, फसल कंहा बेचनी है इस प्रकार की जानकारी किसान को मिलेगी तो उनका जीवन स्तर में काफी सुधार आएगा।

प्रश्न : सरकार पिंजौर और गन्नौर में सेब मंडियां बनाने जा रही है। किस प्रकार से जनता को इसका फायदा मिलेगा ?
उत्तर :
पिंजौर में एच.एम.टी. की जमीन में सेब मण्डी बनाने की तैयारी हो चुकी है लेकिन कोविड के कारण थोडी देरी हुई है। जोकि जल्दी  इसकी तैयारी पूरी कर ली जाएगी और रही गन्नौर मण्डी की बात तो वंहा हरियाणा सरकार इण्डिया इण्टरनेशनल हारटिकल्चर मार्किट बनाने जा रही है जिसके लिए बोर्ड आफ डायरेक्टर बनाया है चीफ सेकेटरी इसकी चेयरमैन हैं। मुख्यमन्त्री की अध्यक्षता में मानिटरिंग कमेटी भी बनाई गई है। जिससे जल्द से जल्द इस काम को क्रियान्वित किया जा सके। यह सोच काफी विस्तृत है जिसमें 2500 से 3000 करोड का खर्च आने का अनुमान है।

प्रश्न : किसानों के लिए प्रशिक्षण लैब का जिक्र मुख्यमन्त्री जी ने किया था जो कि विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से अलग-अलग जगहों पर शुरू किया जाएगा ?
उत्तर : 
हरियाणा में 70 लाख एकड में किसान फसल उगाता है। भारत सरकार ने एक स्कीम चलाई जिसमें 3 वर्ष तक सर्वे कर सोएल हैल्थ कार्ड बनाया जाता है। जिसमें फसलों का रखरखाव, पोषकतत्व किस प्रकार के दिए जांए इस प्रकार की जानकारियंा किसान को मिलेगीं और किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

 

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