5 माह बाद हुई हाऊस की मीटिंग में हंगामा, पार्षदों ने अधिकारियों पर मढ़े घोटाले के आरोप(VIDEO)

Edited By vinod kumar, Updated: 22 Jan, 2020 11:56 AM

5 माह बाद विकास सदन में हुई हाऊस की बैठक हंगामेदार रही। पार्षदों ने अधिकारियों पर घोटाले के आरोप मढ़े। इनकी जांच अफसरों व पार्षदों की कमेटी करेगी। पहली बार मीटिंग 8 घंटे तक चली। मेयर रेनुबाला गुप्ता ने एजैंडे पर मंथन शुरू ही था कि पार्षदों ने सवालों...

करनाल(मनोज): 5 माह बाद विकास सदन में हुई हाऊस की बैठक हंगामेदार रही। पार्षदों ने अधिकारियों पर घोटाले के आरोप मढ़े। इनकी जांच अफसरों व पार्षदों की कमेटी करेगी। पहली बार मीटिंग 8 घंटे तक चली। मेयर रेनुबाला गुप्ता ने एजैंडे पर मंथन शुरू ही था कि पार्षदों ने सवालों की बौछार शुरू कर दी। सबका दर्द एक ही था। एक सुर में पूछा कि उनकी फाइलों को डिस्कस के नाम पर रोकना कब बंद करोगे। ऐसा ही करना है तो पूरे हाऊस का इस्तीफा ले लो। पार्षदों ने कहा कि काम रोको आंदोलन नहीं चलेगा।

अधिकारी हाऊस से बड़े नहीं हैं। गुस्साए जनप्रतिनिधियों ने कहा कि टैंडर के बाद भी काम शुरू नहीं करवाए जा रहे। अधिकारी रोड़ा अटकाने में अधिक दिलचस्पी दिखाते हैं। वार्डों के काम अटके पड़े हैं। उन्हें एक साल का लेखा-जोखा दिया जाए कि वार्डों के कितने काम अटकाएं और कितने करवाए। मेयर रेनुबाला गुप्ता ने सुबह 11:25 पर बैठक शुरू करने की घोषणा की। जो रात को 7:15 बजे तक जारी रही। एजैंडे में शामिल 7 में से 5 प्रस्ताव पास किए। 2 को पैंङ्क्षडग रखा लिया। पार्षदों व अधिकारियों के बीच कशमकश में 8 घंटे बीत गए।  अमूमन यह मीटिंग अढ़ाई से 3 घंटे चलती है। बैठक में वार्ड-2 के पार्षद बलविंद्र को छोड़कर सभी पार्षद मौजूद रहे। कमिश्नर राजीव मेहता भी नहीं आए। उनकी जगह डी.एस.सी. धीरज कुमार ने सवालों के जवाब दिए।   

जनता से नजरें कैसे मिलाएं 
पार्षदों ने कहा कि जनता रोजाना समस्याएं लेकर आती हैं। उनके पास कोई जवाब नहीं होता। वह उनसे नजरें कैसे मिलाएं। कई बार तो अपना फोन ही बंद करना पड़ता है। नवीन ने कहा कि जनता के बीच जाने में शर्म आने लगी है। 5 महीने बाद हाऊस की बैठक हो रही है। आगे पता नहीं एक साल बाद नंबर आए। इसलिए वह सभी सवालों के जवाब आज ही लेकर जाएंगे।  

वार्ड-1 के पार्षद नवीन ने कहा कि वार्ड के लोग उनसे कार्यों का हिसाब-किताब मांगते हैं। वह तो आज एक साल का लेखा-जोखा लेकर ही जाएंगे।  चीफ इंजीनियर ने जवाब दिया कि आगामी बैठक में पूरा रिकॉर्ड दे देंगे।  

3 करोड़ के टैंडर के बाद भी हालात बदतर क्यों
वार्ड-15 के पार्षद युद्धवीर सैनी ने  कहा कि सीवरेज सफाई में बड़ा घोटाला हुआ है। पूछा कि 3 करोड़ के टैंडर के बाद भी हालात बदतर क्यों हैं। टैंडर में 32 कर्मचारी दिखाए गए हैं। शहर में 12 ही काम करते हैं। उन्हें भी केवल 8 हजार के हिसाब से सैलरी दी जा रही है। इसकी विजीलैंस जांच करवाई जाए। बाद में तय हुआ कि पार्षदों व अफसरों की कमेटी जांच करेगी।  

इनकी जांच के लिए कमेटी गठित 
पार्षद युद्धवीर ने सी.सी.टी.वी. कैमरे में घोटाले के आरोप लगाए। कहा कि 9 करोड़ खर्च कर दिए 100 कैमरे बंद पड़े हैं। सीवरेज सफाई, दीवारों पर पेंटिंग में बड़ा गोलमाल किया। पार्कों में वाई-फाई और ओपन एयर जिम में भी घोटाले के आरोप लगे। इनकी जांच के लिए जो कमेटी बनाई उसमें पार्षद युद्धवीर, नवीन, ईश गुलाटी, मुकेश अरोड़ा व जोङ्क्षगद्र शामिल रहेंगे।  

अधिकारियों ने निगम की जमीन देकर ले लिए प्लाट 
हाऊस की बैठक में पार्षद युद्धवीर ंने आरोप लगाया कि अल्फा सिटी ने निगम की 6 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। अधिकारियों की शह पर ऐसा हुआ। इसके बदले अफसरों ने प्लाट ले लिए। बूढ़ाखेड़ा गांव में सोनी सिटी ने निगम की 2 एकड़ जमीन दबा ली। पार्षद जयभगवान ने आरोप लगाया कि गोपी गामड़ी में अंसल ने निगम की 2 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। इसकी जांच भी कमेटी करेगी। 
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