Edited By Manisha rana, Updated: 17 Apr, 2021 12:25 PM
गेहूं की कटाई का सीजन जोरों पर है। जहां गेहूं की कटाई के बाद किसानों द्वारा अपनी फसल बिक्री के लिए किसानों द्वारा अनाज मंडी में लाई जा रही है। मंडी का आलम यह है कि ...
ऐलनाबाद (सुरेंद्र सरदाना) : गेहूं की कटाई का सीजन जोरों पर है। जहां गेहूं की कटाई के बाद किसानों द्वारा अपनी फसल बिक्री के लिए किसानों द्वारा अनाज मंडी में लाई जा रही है। मंडी का आलम यह है कि मंडी गेहूं की फसल से अटी पड़ी है। गत दो तीन दिनों से सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदी गेहूं की लिफ्टिंग न होने के चलते एक तो किसान को इस बात की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कि उसकी मंडी में पड़ी गेहूं गेट के पास न कटने के कारण बिकने में दिक्कत आ रही है । दूसरा दोपहर को एकाएक आसमान में छाए बदरा के बरसने से मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ा उनका पीला सोना यानी गेहूं की फसल भीग गई है जो यह फसल बिक्री के लिए कोढ़ में खाज का काम करेगा।
मंडी में अपनी फसल लाए हुए बचित्तर सिंह ने बताया कि किसान को तो हर समय मार ही मार पड़ती है। कभी सूखे की तों कभी बाढ़ की। उन्हें तो मार पड़नी ही पड़नी है। उन्होंने बताया कि बड़ी मुश्किल से किसान अपने खेत में दिन रात मेहनत कर फसल तैयार करता है इसके बावजूद भी उसे उसकी मेहनत का फल नहीं मिल पाता। आज की हुई बरसात से उनके अरमानों पर पानी पड़ता नज़र आता है।
मार्किट कमेटी के सचिव दीपक कुमार ने बताया कि लिफ्टिंग सुचारू रुप से शुरू कर दी गई है। यह ठीक है कि जो गेहूं शेड के बाहर किसान ने गिराई है, वह भीग गई है जो कि गीली गेहूं की खरीद सरकार की शर्तों के अनुरूप नहीं खरीद की जा सकती। लेकिन जैसे ही मौसम ठीक होगा और गेहूं की नमी ठीक होते ही किसान के दाने की खरीद करेंगे।
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