Edited By Isha, Updated: 27 Nov, 2021 03:52 PM
तीन कृषि कानूनों के रद्द होने की कवायद शुरू हो चुकी है, लेकिन किसान अभी भी आंदोलन को खत्म करने के हक में नहीं है। किसानों का कहना है कि उन्हें एमएसपी पर कानून बनने की गारंटी दी जाए, इसके साथ ही उनकी अन्य मांगों को भी पूरा
सोनपीत(पवन राठी): तीन कृषि कानूनों के रद्द होने की कवायद शुरू हो चुकी है, लेकिन किसान अभी भी आंदोलन को खत्म करने के हक में नहीं है। किसानों का कहना है कि एमएसपी पर कानून बनाया जाए, इसके साथ ही उनकी अन्य मांगों को भी पूरा किया जाए। वहीं संयुक्त किसान मोर्चे की अहम बैठक आज सिंघू बार्डर पर हुई जिसमें फैसला लिया गया कि सोमवार को होने वाला संसद कूच कार्यक्रम फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। किसानों द्वारा 29 तारीख को संसद पर 500 ट्रक्टरों के साथ मार्च करने का प्रोगाम बनाया गया था। इसके साथ ही सयुक्त किसान मोर्चे की अगली बैठक 4 दिसम्बर को होगी।
गौर रहे कि किसान अपनी बाकी मांगों को मनवाए बिना धरना खत्म न करने की बात पर अड़े हुए हैं। प्रैस कांफ्रैंस के दौरान किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम एमएसपी पर कानून बनाए बिना वापिस नहीं जाएंगे। हमारे कई किसानों के खिलाफ पुलिस ने मामले दर्ज किए गए हैं, उन्हें भी रद्द किया जाए। किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सभी राज्य सरकारों को आदेश दें कि उनके द्वारा किसानों पर की गई एफआईआर रद्द की जाए। इस दौरान किसानों ने सरकार से अपील की है कि उनकी मांगों को लेकर एक टेबल पर आकर उनसे बातचीत की जाए। किसानों ने कहा कि हमारी मांगे पूरी होते ही हम घर लौट जाएंगे।
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