Edited By Rakhi Yadav, Updated: 07 Apr, 2018 10:22 AM
ठोस कचरे एवं जानवरों के मलमूत्र से खाद तथा बायोगैस ईंधन बनाने के लिए भारत सरकार ने एक नई गोबर धन योजना बनाई है। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी शुरूआत 30 अप्रैल को केंद्रीय पेयजल एवं स्वास्थ्य मंत्री उमा भारती व मुख्यमंत्री मनोहर लाल करनाल....
करनाल(ब्यूरो): ठोस कचरे एवं जानवरों के मलमूत्र से खाद तथा बायोगैस ईंधन बनाने के लिए भारत सरकार ने एक नई गोबर धन योजना बनाई है। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी शुरूआत 30 अप्रैल को केंद्रीय पेयजल एवं स्वास्थ्य मंत्री उमा भारती व मुख्यमंत्री मनोहर लाल करनाल से करेंगे।
इस योजना और कार्यक्रम को लेकर शुक्रवार को लघु सचिवालय में केंद्रीय पेयजल एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की उप-सचिव रंजिथा, डी.सी. डा. आदित्य दहिया, ए.डी.सी. निशांत यादव, स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के स्टेट को-ऑडिनेडर आर.के. मेहता ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में योजना और इसके क्रियान्वयन तथा करनाल में होने वाले कार्यक्रम को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि योजना के तहत देश के हर जिले का एक-एक गांव सिलैक्ट किया जाएगा। हरियाणा से इसकी लांचिंग को लेकर करनाल के कुंजपुरा का चयन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस योजना में ग्राम पंचायत की भूमिका अहम है। गोबर से बायोगैस प्लांट व्यक्तिगत, सामुदायिक, सैल्फ हैल्प ग्रुप या गऊशाला जैसे एन.जी.ओ. के स्तर पर स्थापित किए जा सकते हैं। प्लांट के लिए टैक्निकल एक्सपर्ट की सहायता ली जाएगी।
इसके लिए भारत सरकार और राज्य सरकार 60 व 40 के अनुपात से फंड उपलब्ध करवाएगी, जो गांव में हाऊस होल्ड की संख्या पर आधारित होगी। चालू वित्त वर्ष में योजना के तहत 700 जिले कवर किए जाएंगे। मंत्रालय से आई कंसल्टैंट कुमारी सिरेशा ने गोबर धन योजना पर प्रेजेंटेशन दी, जिसमें विभिन्न मॉडल दिखाए गए।